Pati Ke Jeevan me patni Ka Sthan By Avinash Ranjan Gupta

पत्नी का स्थान

आँखों में तुम्हारी आँखों में

मैंने देखा है प्यार अपने लिए,

हाँ, हाँ,

बातों में, तुम्हारी बातों में,

मैंने पाया, ऐतबार अपने लिए।

हाँ, हाँ,

आँखों में, तुम्हारी आँखों में,

मैंने देखा है प्यार अपने लिए,

हाँ, हाँ,

बातों में, तुम्हारी बातों में,

मैंने देखा ऐतबार अपने लिए।

वादा है, ये मेरा वादा है,

तुम्हें चाहूँगा जब तक जान है,

वादा है, ये मेरा वादा है,

तुम्हें चाहूँगा जब तक जान है,

हाँ, हाँ,

माना है, ये मैंने माना है,

मैं तेरा, तू मेरी पहचान है।  

हाँ, हाँ,

माना है, ये मैंने माना है,

मैं तेरा, तू मेरी पहचान है।

कमी है, आँखों में नमी है,

जब तू दूर मुझसे जाती है,

हाँ, हाँ,

कमी है, आँखों में नमी है,

जब तू दूर मुझसे जाती है,

हाँ, हाँ,

देखूँ न, गर तुझे देखूँ न,

धड़कनें मेरी बंद हो जाती हैं।

जान लो, तुम ये भी मान लो,

हाँ, हाँ,

जान लो, तुम ये भी मान लो,

तेरे होने से ये गुल और बहार है,

तू है तो ये दुनिया जन्नत है,

हाँ, हाँ,

तू है तो ये दुनिया जन्नत है,

तेरे बिन

हाँ, हाँ तेरे बिन

मिले जन्नत तो वो भी बेकार है।  

पत्नी के जन्मदिन पर पति के भावों का लयबद्ध उपहार

                                                        अविनाश रंजन गुप्ता 

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