Top Veeren Dangwaal By Avinash Ranjan Gupta


1 -निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
1. विरासत में मिली चीज़ों की बड़ी सँभाल क्यों होती है? स्पष्ट कीजिए।
2. इस कविता से आपको तोप के विषय में क्या जानकारी मिलती है?
3. कंपनी बाग में रखी तोप क्या सीख देती है?
4. कविता में तोप को दो बार चमकाने की बात की गई है। ये दो अवसर कौनसे होंगे?

1.  विरासत में मिली चीज़ों की बड़ी सँभाल होती है क्योंकि यह देश व समाज की परंपरा या इतिहास से जुड़ी होती हैं। विरासत में मिली चीज़ें हमारे पूर्व अनुभवों व उपलब्धियों की गाथा गाती हैं। ये इतिहास की सच्चइयों को नई पीढ़ी के सामने रखती हैं। ये हमारी सभ्यता और संस्कृति की विशिष्ट धरोहर होती हैं इसलिए इन्हें संभालकर रखा जाता है।     
2.  कविता में सन् 1857 में अंग्रेज़ों द्वारा कंपनी बाग के द्वार पर राखी उस तोप का वर्णन है जिसने अनेक वीर स्वतंत्रता सेनानियों को पल भर में उड़ा दिया था। वही तोप आज कंपनी के बाग के द्वार पर सजावट की वस्तु बनी पड़ी है। उस पर बच्चे चढ़कर घुड़सवारी का आनंद लेते हैं। चिड़ियाँ उस पर उछलती और फुदकती है, उसके बाहर-भीतर होकर उसके अशक्त होने का उपहास करती है।    
3.  कंपनी बाग में रखी तोप देशवासियों को यह सीख देती है कि उन्हें अपने देश तथा देश के हितों के प्रति सतर्क रहना चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह हमारे देश में अपने पाँव न जमा सके और न ही हमारा शोषण कर सके। साथ ही साथ हमें यह भी सीख मिलती है कि अंत सभी का होता है यह हम पर निर्भर करता है कि अपने अपने जीवन का अंत समाज के उत्थान के लिए करते हैं या पतन के लिए ।    
4.  ये दो अवसर आज़ादी से जुड़े दो राष्ट्रीय पर्व है एक स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) और दूसरा गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) इन दोनों अवसरों पर आज़ादी से जुड़ी इन धरोहरों को चमकाया जाता है।

2 -निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए -
1. अब तो बहरहाल
छोटे लड़कों की घुड़सवारी से अगर यह फ़ारिग हो
तो उसके ऊपर बैठकर
चिड़ियाँ ही अकसर करती हैं गपशप।
2. वे बताती हैं कि दरअसल कितनी भी बड़ी हो तोप
    एक दिन तो होना ही है उसका मुँह बंद।
3. उड़ा दिए थे मैंने                                                
   अच्छेअच्छे सूरमाओं के धज्जे।

1.    कविता के इन पंक्तियों का आशय यह है कि जिस तोप ने अत्यंत क्रूरता से स्वतंत्रता सेनानियों का दमन किया था। वह तोप आज क्रूरता की प्रतीक बनकर कंपनी बाग के द्वार पर निस्तेज पड़ी हुई है। दिन भर छोटे-छोटे बच्चे उसमें घुड़सवारी का आनंद लेते हैं और जब वह निष्क्रिय तोप बच्चों से मुक्त हो जाती है तो चिड़ियाँ उसपर उछलती-फुदकती हैं। उन चिड़ियों को देखकर ऐसा लगता है कि वे आपस में बातें कर रही हों।      
2.    प्रस्तुत पंक्तियों का आशय यह है कि कोई कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो एक न एक दिन उसे निस्तेज होना ही पड़ता है। पूरे भारत में अपनी हुकूमत कायम करने वाले अंग्रेज़ों ने अपने आप को सर्वशक्तिमान मान लिया था परंतु उन्हें भी एक दिन भारत छोड़कर जाना ही पड़ा।
3.     कविता के इन पंक्तियों में मानवीकारण अलंकार का प्रयोग हुआ है जिसमें तोप कह रहा है कि मैंने अत्यंत क्रूरता से स्वतंत्रता सेनानियों के चिथड़े उड़ा दिए थे। लोग मुझे देखकर भयभीत हो जाया करते थे। परंतु आज मैं निस्तेज यहाँ पड़ा हुआ हूँ जिसकी अब कोई खास अहमियत नहीं रह गई है।  


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