महाकाव्य क्या है? Mahakavya Kya Hai What is an Epic

 

काव्य क्या है?

कवि के द्वारा किया गया साहित्यिक कार्य ही काव्य है। व्यापक अर्थ में किसी कवि की वह पद्यात्मक साहित्यिक रचना जिसमें ओजस्वी, कोमल और मधुर रूप में ऐसी अनुभूतियाँ, कल्पनाएँ और भावनाएँ व्यक्त की गई हों जो मन को मनोवेगों और रसों से परिपूर्ण करके मुग्ध करनेवाली हों।

महाकाव्य क्या है?

भारतीय आचार्य भामह के अनुसार लंबे कथानकवाला, महान् चरित्रों पर आश्रित, नाटकीय पंचसंधियों से युक्त (कथावस्तु, नेता, रस, अभिनय और वृत्ति), उत्कृष्ट और अलंकृत शैली में लिखित तथा जीवन के विविध रूपों और कार्यों का वर्णन करनेवाला सर्गबद्ध सुखान्त काव्य ही महाकाव्य होता है।

महाकाव्य की विशेषताएँ

1.महाकाव्य सर्गबद्ध होना आवश्यक है।

2. उसका नायक धीरोदात्त, क्षत्रिय अथवा देवता होना चाहिए।

3. यह आठ सर्गों से बड़ा तथा अनेक वृत्तों से युक्त होना चाहिए, किंतु प्रवाह को व्यवस्थित रूप में रखने के लिए एक सर्ग में एक ही छंद होना चाहिए।

4. महाकाव्य की कथा इतिहास प्रसिद्ध अथवा सज्जनाश्रित होती है।

5. शृंगार,वीर और शांत रसों में से कोई एक रस अंगी रूप में रहता है।

6. प्रकृति-वर्णन के रूप में इसमें नगर, अर्णव, पर्वत, संध्या, प्रात:काल, संग्राम, यात्रा तथा ऋतुओं आदि का वर्णन भी आवश्यक है।

महाकाव्य का अंग्रेज़ी रूप और उसकी विशेषताएँ

महाकाव्य को अंग्रेजी में एपिककहा गया है। पाश्चात्य आचार्यों ने एपिककी निम्नलिखित विशेषताएँ गिनाई हैं - 1. एपिक एक विशाल प्रकथन-प्रधान (नैरटिव) काव्य है।

2. इसका नायक युद्धप्रिय होता है और उसके पात्रों में शौर्य गुण की प्रधानता होती है।

3. एपिक में केवल व्यक्ति का चरित्र-चित्रण ही नहीं रहता, उसमें संपूर्ण जाति के क्रिया-कलाप का वर्णन होता है। व्यक्ति की अपेक्षा उसमें जातीय भावनाओं की प्रधानता होती है।

4. एपिक का विषय परंपरा से प्रतिष्ठित और लोकप्रिय होता है।

5. संपूर्ण कथा-सूत्र नायक से बंधा रहता है।

6.एपिक की शैली विशिष्ट शालीनता और उच्चता से युक्त होती है और उसमें एक ही छंद का प्रयोग होता है।

कुछ प्रसिद्ध पाश्चात्य महाकाव्य

The Odyssey. by Homer.

The Aeneid. by Virgil.

Civil War. by Lucan.

Paradise Lost. by John Milton.

The Rape of the Lock. by Alexander Pope.

महाकाव्य पर भारतीय-पाश्चात्य आचार्यों के मत

महाकाव्य के प्रसंग में भारतीय-पाश्चात्य आचार्यों के मत के आधार पर जो चार महान तत्व अनिवार्य माने गए हैं, वे हैं 1. महान कथानक,

2. महान चरित्र,

3.महान संदेश और

4. महान शैली।

महाकाव्य – काल विभाजन

1. अनिश्चित प्राचीन काल से ई०पू० प्रथम शताब्दी से कालिदास तक

2. कालिदास प्रथम शताब्दी ई०पू० से 12वीं शताब्दी श्रीहर्ष तक

3. 13वीं शताब्दी से 17वीं शताब्दी तक

4. 18वीं शताब्दी से वर्तमान समय तक।

संस्कृत के महाकाव्य

रामायण,

महाभारत,

रघुवंश, कुमार संभव

अश्वघोष द्वारा रचित बुद्धचरितम्, सौंदरान्द

हिन्दी के महाकाव्य

चंदबरदाईकृत पृथ्वीराज रासो को हिंदी का प्रथम महाकाव्य कहा जाता है।

मलिक मुहम्मद जायसी - पद्मावत

तुलसीदास - रामचरितमानस

आचार्य केशवदास - रामचंद्रिका

मैथिलीशरण गुप्त - साकेत

अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध' - प्रियप्रवास

द्वारका प्रसाद मिश्र - कृष्णायन

जयशंकर प्रसाद – कामायनी

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