कविता क्या है? कविता कैसे लिखें द्वारा अविनाश रंजन गुप्ता

 

कविता क्या है?

अपने विचारों या भावों की लयात्मक मौखिक या लिखित अभिव्यक्ति को कविता कह सकते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि कविता मन में उमड़ने-घुमड़ने वाले भावों और विचारों को अभिव्यक्त करने का एक काव्यात्मक माध्यम है।

कविता की परिभाषा

वियोगी होगा पहला कवि, आह से उपजा होगा गान।

निकलकर आँखों से चुपचाप, बही होगी कविता अनजान..

कवि सुमित्रानंदन पंत निरालाका मानना था कि कविता सूचनाओं या तथ्यों से नहीं बल्कि अनुभूति से होती है।

कवि डल्ब्यू एच ऑर्डेन ने कहा है कि 'प्ले विद द वर्ड्स' अर्थात् कविता लेखन में सबसे पहले शब्दों से खेलना सीखें, उनके अर्थ की परतों को खोलें क्योंकि शब्द ही भावनाओं और संवेदनाओं को आकार देते हैं।

कविता के विविध रूप

वाचिक परंपरा में जन्मी कविता आज लिखित रूप में मौजूद है। पारंपरिक लोरियों, मांगलिक गीतों, श्रमिकों एवं किसानों द्वारा गुनगुनाए लोकगीतों और तुकबंदी में कविता के स्वर मुखरित होते हैं।

क्या कविता लेखन में प्रशिक्षण की आवश्यकता है?

शब्द और अर्थ का संयोग, रसयुक्त वाक्य, संगीतमय विचार आदि को ही कविता कहते हैं। इस आधार से अन्य कलाओं के समान कविता लेखन की कला को प्रशिक्षण द्वारा नहीं सिखाया जा सकता क्योंकि इसका संबंध मानवीय भावों से है परंतु, हाँ, अन्य कलाओं की भाँति प्रशिक्षण के द्वारा कुछ हद तक कविता लेखन को सरल बनाया जा सकता है।

कविता में बिंब, छंद और भाषा

मूल रूप से कविता में इन तीनों उपकरणों (Poetic devices) का होना अनिवार्य होता है।  बिंब (Image) और छंद (Meter) (आंतरिक लय) कविता को इंद्रियों से पकड़ने में सहायक होते हैं। बाह्य संवेदनाएँ मन के स्तर पर बिंब के रूप में परिवर्तित हो जाती है। छंद के अनुशासन की जानकारी के बिना आंतरिक लय का निर्वाह असंभव है। कविता की भाषा, बिंब, छंद, संरचना सभी परिवेश के इर्द-गिर्द घूमते हैं। इसलिए कविता में भाषा, बिंब और छंद का समुचित प्रयोग आवश्यक है।

कविता के मुख्य घटक (तत्त्व)

1. भाषा का सम्यक ज्ञान  

2. शब्द विन्यास

3. छंद विषयक बुनियादी जानकारी

4. अनुभव और कल्पना का सामंजस्य

5. सहज संप्रेषण शक्ति

6. भाव एवं विचार की अनुभूति

1. भाषा का सम्यक ज्ञान: कविता में भाषा की भूमिका बहुत महत्त्वपूर्ण है।

भावों और संवेदनाओं की अभिव्यक्ति के लिए ज़रूरी है कि कवि कविता में

भाषा के रोज़ नए प्रयोगों द्वारा अपने अनुभवों को रूप प्रदान करता रहे।

2. शब्द विन्यास: शब्द मनुष्य के सबसे प्रिय मित्र होते हैं। इसलिए कविता

लेखन के समय कवि को अपने भावों और विचारों के अनुरूप शब्दों का चयन

कर उनका प्रयोग करना चाहिए।

3. छंद विषयक बुनियादी जानकारी: छंद और तुक से बँधी हुई रचना हमारी भावनाओं को संगीत में बाँधकर हमारे सामने प्रस्तुत करती है तो उसकी छूअन हमें भीतर तक उस भाव से जोड़ देता है। इसलिए कविता में छंद और तुक कविता को अधिक भावमयी बना देते हैं।

4. अनुभव और कल्पना का सामंजस्य : कवि कविता में भावों और विचारों के साथ अपनी कल्पना शक्ति का प्रयोग करता है। कल्पना के द्वारा कवि कविता में जीवन के सत्य के मधुर और कटु दोनों रूपों को प्रकट करता है और आदर्श रूप प्रस्तुत करता है। अतः, कविता में अनुभव और कल्पना का सामंजस्य अनिवार्य अंग है।

5. सहज संप्रेषण शक्ति : कविता कवि अपने लिए नहीं लिखता वरन् उसका लक्ष्य अपने भावों और विचारों से समाज को परिचित कराना है। इसलिए वह अपने भावों का साधारणीकरण करता है। सहज व सरल भाव पाठक को कविता के साथ बाँध देते हैं।

6. भाव एवं विचार की अनुभूति : कविता भावों का प्रबल आवेग है और मनुष्य भावों और विचारों को अभिव्यक्त करने के लिए तत्पर रहता है। सामान्य व्यक्ति कविता की उस ऊँचाई तक नहीं पहुँच सकता जहाँ कवि पहुँच जाता है क्योंकि कवि की आत्म शक्ति प्रबल होती है।

नवीन दृष्टिकोण और प्रस्तुतीकरण की कला न हो तो कविता लेखन संभव ही नहीं है। प्रतिभा को किसी नियम या सिद्धांत द्वारा पैदा नहीं किया जा सकता, किन्तु परिश्रम और अभ्यास से विकसित किया जा सकता है।

तू आम मत बन

तू कुछ भी बन, बस आम मत बन,  

जो शाम न जगमगाए, वो शाम मत बन।

 तू कुछ भी बन, बस आम मत बन।  

आम तो तमाम हैं, आजीवन ही काम है, 

आम का न दाम है, आम का न नाम है, 

आम से आवाम है, आवाम से निज़ाम है,

निज़ाम ख़ास है, तू निज़ाम बन। 

तू कुछ भी बन, बस आम मत बन,  

जो बिना कुछ पाए रुक जाए वो विराम मत बन।

तू कुछ भी बन, बस आम मत बन।    

आम तो आम है, यही इनाम है, यही इल्ज़ाम है,  

आम को बड़े सपने भी देखना हराम है, 

आम के लिए राम है, आम के लिए श्याम है,

राम और श्याम धाम है तू धाम बन। 

तू कुछ भी बन, बस आम मत बन,  

जो अंजाम तक न पहुँचे, वो काम मत बन।

तू कुछ भी बन, बस आम मत बन।    

                                        अविनाश रंजन गुप्ता

 

 

 

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