शब्दों का स्वाद By Avinash Ranjan Gupta

शब्दों का स्वाद

शब्दों का स्वाद होता है,

इसे ज़रा चख लीजिए।  

दूसरे के लिए प्रयोग करने से पहले,

ये तथ्य याद रख लीजिए।

शब्दों से कोई फूला न समाए,

शब्दों से ही कोई मुँह फुलाए,

शब्दों से ही कोई करीब आए,

शब्दों से ही हो जाते हैं पराए।

शब्दों से रुक जाते हैं युद्ध,

शब्दों से मन हो जाता शुद्ध

शब्दों से कम जाते क्रुद्ध,

शब्दों से ही बन जाते बुद्ध।  

शब्द संगति को रंगीन बनाए,

शब्द सीमा को ज़रूर बढ़ाएँ,

शब्द स्वर से हैं बनते-बिगड़ते,

इस वचन को भूल न जाएँ।

शब्दों की है अनोखी महिमा,

बड़ी बहुत है इसकी गरिमा,   

कथन सत्य है यह सोलह आने,

आप स्वयं इसे परख कर जानें।

अविनाश रंजन गुप्ता 

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