निपात Particles
निपात Particles
निपात शब्द
का अर्थ
भाषा विज्ञान या व्याकरण में ऐसा शब्द जो व्याकरण के नियमों
के अनुसार न बने होने पर भी शुद्ध और प्रामाणिक माना जाता है उसे ही निपात कहते
हैं।
निपात
के प्रयोजन एवं लक्षण
वाक्य में अतिरिक्त भाव स्पष्ट होता है।
वाक्य में कहीं भी प्रयुक्त हो सकते हैं।
किसी शब्द पर विशेष बल देने के लिए प्रयोग।
ये वाक्य के अंग नहीं माने जाते हैं।
निपात
के उदाहरण
लड़की देखने में ही सुंदर है।
लड़की ही देखने में सुंदर है।
लड़की देखने में सुंदर ही है।
वह तो कल आया था।
वह कल तो आया था।
वह कल आया तो था।
कल ही तो उसने मुझे बुलाया था।
कल उसने ही तो मुझे बुलाया था।
कल उसने मुझे ही तो बुलाया था।
कल उसने मुझे बुलाया ही तो था।
निपातों
के प्रकार
ही, भी, तक, भर, तो, मात्र/केवल
1. ही
इसका प्रयोग व्यक्ति, स्थान या बात पर बल देने के लिए किया जाता है, जैसे -
मैं आज ही यहाँ आया हूँ।
अलका ही प्रथम आने के योग्य है।
तुमने ही मुझसे वादा किया था।
सुरेश ही ये काम कर सकता है।
2. भी
इसका प्रयोग व्यक्ति, स्थान व वस्तु के साथ अन्य को जोड़ने के लिए
किया जाता है, जैसे-
राम के साथ श्याम भी जाएगा।
दिल्ली के अलावा मुंबई भी मुझे प्रिय है।
चावल के साथ दाल भी आवश्यक है।
मैं भी यह काम कर सकता हूँ।
3. तक
किसी व्यक्ति अथवा कार्य आदि की सीमा निश्चित करता है, जैसे –
वह शाम तक आएगा।
दिल्ली तक मेरी पहुँच है।
वह दसवीं तक पढ़ा हुआ है।
मैं एक बजे तक तुम्हारा इंतज़ार करता रहा।
4. केवल/मात्र
केवल या अकेले के अर्थ को महत्त्व देने के लिए इसका प्रयोग
किया जाता है, जैसे -
प्रभु का नाम लेने मात्र से कष्ट दूर हो जाते हैं।
केवल तुम्हारे आने से काम न चलेगा।
मात्र दस रुपये लेकर क्या करोगे?
5. भर
यह अव्यय, सीमितता और विस्तार व्यक्त करने के लिए
प्रयुक्त किया जाता है, जैसे -
वह रातभर रोता रहा।
मैं जीवनभर उसका गुलाम बनकर रहा।
विश्वभर में उसकी ख्याति फैली हुई है।
6. तो
क्रिया के साथ उसका परिमाण व मात्रा आदि को प्रकट करने के
लिए इस अव्यय का प्रयोग किया जाता है, जैसे-
तुम आते तो मैं चलता।
वर्षा होती तो फसल अच्छी होती।
तुमने तो वादा किया था।
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