पद-परिचय Pad Parichay
पद-परिचय
पद क्या है?
जब शब्द वाक्य में प्रयुक्त होकर व्याकरणिक इकाइयों से
अनुशासित हो जाते हैं तो उसे हम पद कहते हैं, जैसे – रमा ने तीन रोटियाँ खाई।
रोटियाँ कर्म है।
पद-परिचय की परिभाषा
वाक्य में
प्रयुक्त पदों का व्याकरणिक परिचय देना ही पद-परिचय कहलाता है, जैसे - जैसे – रमा ने तीन रोटियाँ खाई।
पद-परिचय के अन्य नाम
पद-परिचय को
वाक्य विवरण, पद
निर्देश, पद निर्णय, पद-विन्यास, पदान्वय, पद विश्लेषण,
पदच्छेद आदि नामों से भी जाना जाता है।
वाक्य का गठन
वाक्य चार प्रकार के विकारी तथा चार प्रकार के अविकारी शब्दों
से बनता है।
पद-परिचय के लिए आवश्यक संकेत
पद-परिचय के अंतर्गत हमें संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रियाविशेषण, समुच्चयबोधक, संबंधबोधक, विस्मयादिबोधक व्याकरणिक इकाइयों का परिचय
देना अनिवार्य होता है।
इसमें चार विकारी इकाइयाँ हैं और चार अविकारी
1. संज्ञा-भेद (जातिवाचक, व्यक्तिवाचक, द्रव्यवाचक, समूहवाचक तथा भाववाचक), लिंग, वचन, कारक तथा क्रिया के साथ उसका संबंध (यदि हो
तो)।
2. सर्वनाम-भेद (पुरुषवाचक, निश्चयवाचक, अनिश्चयवाचक, निजवाचक, संबंधवाचक या प्रश्नवाचक), पुरुष, लिंग, वचन, कारक और
क्रिया के साथ संबंध।
3. विशेषण-भेद (गुणवाचक, परिमाणवाचक, संख्यावाचक
या सार्वनामिक), लिंग, वचन, विशेष्य (जिसकी विशेषता बता रहा हो)।
4. क्रिया-भेद (अकर्मक, सकर्मक, प्रेरणार्थक, संयुक्त, नामधातु, पूर्वकालिक, मिश्र आदि), लिंग, वचन, पुरुष, धातु, काल, वाच्य, प्रयोग
कर्ता व कर्म का संकेत।
5. क्रियाविशेषण-भेद (रीतिवाचक, स्थानवाचक, कालवाचक, परिमाणवाचक)
तथा उस क्रिया का उल्लेख जिसकी विशेषता बता रहा है।
6. समुच्चयबोधक-भेद (समानाधिकरण, व्यधिकरण)
जिन शब्दों, पदों, वाक्यों को मिला रहा है उनका उल्लेख।
7. संबंधबोधक-भेद, जिससे संबंध है उन संज्ञा/सर्वनामों का
निर्देश।
8. विस्मयादिबोधक-भेद तथा कौन-सा भाव प्रकट कर
रहा है।
उदाहरण –
1.अविनाश पुस्तक पढ़ता है।
अविनाश - व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता, 'पढ़ता है' क्रिया का कर्ता।
पुस्तक - जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्म कारक, 'पढ़ता है' क्रिया का कर्म।
पढ़ता है - सकर्मक क्रिया, कर्तृवाच्य, पुल्लिंग, सामान्य वर्तमानकाल, एकवचन, 'अविनाश' कर्ता के
अनुसार कर्तरि प्रयोग निश्चयार्थ।
2. वह क्या लिख रहा है?
वह-अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन, कर्तृकारक, ‘लिख रहा है’ क्रिया का
कर्ता।
क्या-प्रश्नवाचक सर्वनाम, अन्य पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, कर्मकारक, 'लिख रहा है क्रिया का कर्म।
लिख रहा है-सकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, एकवचन, अपूर्ण वर्तमान काल, कर्तृवाच्य, वह के
अनुसार कर्तरि प्रयोग निश्चयार्थ।
3. भागकर जाओ और बाज़ार से कुछ तो लाओ।
भागकर - पूर्वकालिक क्रिया, रीतिवाचक क्रियाविशेषण।
बाज़ार से -जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, अपादान कारक।
कुछ - अनिश्चयवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन, कर्मकारक।
प्रयोग की विशिष्टता के कारण पद-परिचय में
भिन्नता
हिंदी भाषा में अनेक ऐसे शब्द हैं जो वाक्य में प्रयुक्त
होने पर विभिन्न व्याकरणिक कोटियों का कार्य करते हैं। वाक्य में वे प्रयोग के
अनुसार संज्ञा, किसी में विशेषण, किसी में क्रियाविशेषण आदि विभिन्न रूप धारण
कर लेते हैं, जैसे –
1. वह – सर्वनाम, विशेषण
वह बाज़ार जा रहा है।
वह घोड़ा तेज़ दौड़ता है।
2. आप - मध्यम पुरुष, अन्य पुरुष, निजवाचक सर्वनाम
आप बैठ सकते हैं।
जवाहरलाल नेहरू भी एक स्वतंत्रता सेनानी थे। आप हमारे
प्रथम प्रधानमंत्री थे।
मैं यह काम अपने-आप कर लूँगा।
3. कुछ - संज्ञा, सर्वनाम, क्रियाविशेषण
कुछ बाहर आ सकते हैं, सब नहीं।
आप के जेब में कुछ तो है।
खड़े क्यों हो कुछ दूर तो चलो।
4. कम – विशेषण, क्रियाविशेषण
कम खाना क्यों बनाया है ?
कम बोलना अच्छा होता है।
5. सीधा- संज्ञा, विशेषण, क्रियाविशेषण
सीधे लोगों को कौन पूछता है?
राहुल सीधा लड़का है।
सीधे-सीधे रहा करो।
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