जनसंचार माध्यम और लेखन हिंदी केंद्रिक 11वीं
पाठ-1
जनसंचार माध्यम और लेखन
1. अर्थ - 'चर धातु से उत्पन्न संचार शब्द का अर्थ एक
स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाना है । दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच सूचनाओं, विचारों और
भावनाओं का आदान-प्रदान संचार कहा जाता है। विल्बेर श्रेम (प्रसिद्ध संचार
शास्त्री) के अनुसार संचार अनुभवों की साझेदारी है।
2. संचार - संचार जीवन भर चलने वाली प्रक्रिया है। सभी
जीव संचार करते हैं। परन्तु मनुष्य बौद्धिक रूप से विकसित होने के कारण सर्वोत्तम
संचार करता है । संचार माध्यमों के विकास में भौगोलिक दूरियाँ कम हो गई हैं एक
अँगुली के स्पर्श से दूर बैठे अपनों से संचार कर सकते हैं। सूचनाओं, विचारों
और भावनाओं को मौखिक, लिखित अथवा दृश्य-श्रव्य माध्यमों के द्वारा
सफलतापूर्वक एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचना ही संचार है। संचार एक प्रक्रिया
है जिसमें सूचना देने वाले और पाने वाले दोनों की ही सक्रिय भागीदारी आवश्यक है।
एक के अभाव में भी ये संभव नहीं है, इस अर्थ में संचार अंतर क्रियात्मक
(इंटरएक्टिव) प्रक्रिया है।
3. संचार के
विभिन्न तत्त्व-
1) स्रोत- संचार प्रक्रिया को प्रारंभ करता है।
व्यक्ति अपने संदेश या सूचना को अन्य तक पहुँचाना चाहता है वह स्रोत है।
2) कूटीकृत या एनकोडिंग- संदेश की भाषा का ज्ञान
संचारकर्ता व प्राप्तकर्ता दोनों को होना चाहिए।
3) संदेश- सफल संचार के लिए संदेश का स्पष्ट और
सीधा होना आवश्यक है।
4) माध्यम (चैनल)- संदेश को किस माध्यम (टेलीफोन, समाचारपत्र, रेडियो, इंटरनेट)
से संदेश प्राप्तकर्ता तक पहुँचाया जाता है।
5) डीकोडिंग- प्राप्त संदेश में निहित अर्थ को
समझना।
6) फीडबैक- फीडबैक द्वारा पता चलता है कि संदेश
सही रूप में प्राप्तकर्ता तक पहुँचा या नहीं।
7) शोर- संचार प्रक्रिया में आने वाली रुकावटें
शोर कहलाती है शोर मानसिक तकनीकी और भौतिक भी हो सकता है।
4. संचार के
प्रकार
1) सांकेतिक संचार – जब
संकेतों से बात समझाई जाए।
2) मौखिक और अमौखिक संचार – जब मुख
खोलकर, बोलकार
संचार करें वह मौखिक और बिना मुख खोले बात समझाए तब वह अमौखिक संचार है।
3) अंतः वैयक्तिक संचार – जब
व्यक्ति अपने से बात करे अर्थात् मन में प्रश्न करें और उत्तर भी दे वह अंतः
वैयक्तिक संचार होता है।
4) अंतरवैयक्ति संचार – जब दो
व्यक्ति आमने-सामने बैठकर संचार करें वह अंतर वैयक्तिक संचार कहलाता है। 5) समूह
संचार – जब एक
समूह आपस में विचार-विमर्श या चर्चा करें तो उसे समूह संचार कहते हैं।
6) जनसंचार- जब हम समूह से यांत्रिक या तकनीक के
माध्यम से बात करते हैं तब उसे जनसंचार कहते हैं। यह माध्यम अखबार, रेडियों, टी.वी., सिनेमा या
इंटरनेट कुछ भी हो सकता है।
5. संचार के कार्य – प्राप्ति नियंत्रण, सूचना, अभिव्यक्ति, सामाजिक
संपर्क, समस्या
समाधान, प्रतिक्रिया
और भूमिका को पूरा करने के लिए संचार का प्रयोग किया जाता है।
6. जन संचार के कार्य – सूचना देना, शिक्षित करना, मनोरंजन करना, एजेंडा तय करना, निगरानी
करना, विचारों
की अभिव्यक्ति के लिए मंच उपलब्ध करना।
7. जन संचार का
इतिहास व स्रोत
आधुनिक जनसंचार के माध्यम पाश्चात्य तकनीक से प्रेरित हैं परंतु
भारतीय इतिहास गवाह है कि देवर्षि नारद पहले समाचार वाचक माने जाते हैं महाभारत
काल में संजय की कल्पना जिसने युद्ध का आँखों देखा वर्णन धृतराष्ट्र को सुनाया था, एक समृद्ध
संचार व्यवस्था की ओर इशारा करता है।
8. जनसंचार के आधुनिक माध्यम – समाचार-पत्र, पत्रिकाएँ, टेलीविजन, सिनेमा और इंटरनेट आदि हैं।
9. पत्रकारिता
–
जनसंचार की मज़बूत कड़ी समाचार पत्र, पत्रिकाएँ
या प्रिंट-माध्यम है। यही समाचारों के आदान-प्रदान का मुख्य साधन माना जाता है । पत्रकारिता के तीन
पहलू हैं- पहला, समाचारों को संकलित करना। दूसरा, उन्हें
संपादित कर छपने लायक बनाना। तीसरा, पत्र या पत्रिका के रूप में छापकर पाठको तक
पहुँचाना। संवाददाता जो खबरें एकत्रित करके लाते हैं उन्हें व्यवस्थित ढंग से
छापने का काम संपादक करता है।
10. समाचार पत्र का इतिहास
400 साल पहले ही अखबारी पत्रकारिता अस्तित्व में
आई परन्तु भारत में इसकी शुरूआत 1780 में जेम्स ऑगस्ट हिकी के बंगाल गजट से हुई।
जो कोलकाता से निकला था। हिन्दी का पहला साप्ताहिक पत्र 'उदन्त' मार्तंड
भी 1826 में
कोलकाता से ही प्रकाशित हुआ। जिसका संपादन पं जुगलकिशोर शुक्ल ने किया था।
भारतेन्दु हरिश्चंद्र जी ने बहुत सी पत्र-पत्रिकाएँ निकालकर इस क्षेत्र में विशेष
योगदान दिया।
11. स्वतन्त्रता
से पूर्व पत्रकार-
स्वतन्त्रता से पूर्व पत्रकारों में गणेश शंकर विद्यार्थी, माखनलाल
चतुर्वेदी, प्रताप नारायण मिश्र, शिवपूजन सहाय, राम वृक्ष बेनीपुरी और बालमुकुंद गुप्त
12. प्रमुख पत्र-पत्रिकाएँ – 'केसरी', हिन्दुस्तान, सरस्वती, हंस, 'कर्मवीर, प्रताप, प्रदीप और
विशाल भारत आदि है। आज़ादी के बाद प्रमुख पत्रकारों में सच्चिदानन्द, हीरानन्द
वात्स्यायन, रघुवीर सहाय, धर्मवीर भारती, मनोहर श्याम जोशी, राजेन्द्र
माथुर आदि है। समाचार पत्र- नवभारत टाइम्स, जनसत्ता, नई दुनिया, अमर उजाला, दैनिक जागरण आदि है। पत्रिकाएँ – धर्मयुग, साप्ताहिक
हिन्दुस्तान, दिनमान, इन्डिया टुडे और साप्ताहिक कादम्बनी हैं।
13. रेडियो – रेडियो जनसंचार का श्रव्य माध्यम है जो
सर्वाधिक लोकप्रिय है। 1895 में इटली के जी. मार्कोनी ने वायरलैस की खोज
की और उसी का रुपान्तर रेडियों है। 1921 में मुंबई में टाइम्स ऑफ इंडिया डाक तार
विभाग की ओर से संगीत कार्यक्रम प्रसारित हुआ। 1936 में ऑल इण्डिया रेडियों की स्थापना हुई आज
देश में 350 से
अधिक निजी रेडियो स्टेशन का जाल बिछ गया है।
14. टेलीविजन – यह दृश्य -श्रव्य माध्यम है। इसकी
विश्वसनीयता सर्वाधिक है। 1927 में बेल टेलीफोन लेबोरेट्रीज में न्यूयार्क
और वांशिगटन के बीच प्रायोगिक टेलीविज़न कार्यक्रम का प्रसारण किया। 1936 में
बी.बी.सी. ने अपनी टेलीविज़न सेवा प्रारम्भ की। भारत में टेलीविज़न की शुरूआत 15 सितंबर
1959 को
हुई जिसका उद्देश्य शिक्षा के सामुदायिक विकास को प्रोत्साहित करना था। 15 अगस्त
1965 में
स्वतंत्रता दिवस से विधिवत टी.वी. सेवा प्रारंभ हुई । 1 अप्रैल
1976 से
इसे आकाशवाणी से अलग कर दूरदर्शन का नाम दिया गया। जनतंत्र को प्रबल बनाने में
जहाँ समाज पुराने मूल्य टूट हों और नए न बन रहे हों, दूरदर्शन महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
15. सिनेमा- मनोरंजन के साथ-साथ परोक्ष रुप में सूचना ज्ञान और संदेश
देने का काम करता है। सिनेमा का अविष्कार का श्रेय थॉमस अल्वा एडीसन को जाता है। 1894 में
फ्रांस में पहली फिल्म 'द अराइवल ऑफ ट्रेन' बनी ।
भारत में पहली मूक फिल्म 1913 में ‘राजा हरिश्चंद्र’ दादा साहब फल्के द्वारा
बनाई गई । 1931 में पहली बोलती फिल्म 'आलम आरा' बनी। इस
समय भारत विश्व का सबसे बड़ा फिल्म निर्माता देश है यहाँ हिन्दी के अतिरिक्त
क्षेत्रीय भाषा और बोली में भी फिल्में बनती हैं।
16. इंटरनेट – इंटरनेट जनसंचार का सबसे आधुनिक और लोकप्रिय
माध्यम है । रेडियों, टेलीविज़न, किताब, सिनेमा यहाँ तक कि इसमें पुस्तकालय के भी
सारे गुण मौजूद है। यह एक अन्तरक्रियात्मक माध्यम है। जिसमें प्रयोगकर्ता मूकदर्शक
नहीं है, वह चर्चा
बातचीत का एक हिस्सा होता है। इंटरनेट ने संचार की नई संभावनाएँ जगा दी हैं हमें
विश्वग्राम का सदस्य बना दिया है। अश्लील पन्नों व आपराधिक गतिविधियों के कारण
इसके दुरुपयोग की घटनाएँ सामने आने लगी है।
17. जनसंचार माध्यमों का प्रभाव –
जनसंचार माध्यमों के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकते।
अखबार पढ़े बिना हमारी सुबह नहीं होती। रेडियो, टेलीविजन मनोरंजन के साथ-साथ समाचार,
ज्ञान-विज्ञान, बाजार भाव, विज्ञापन आदि
देते हैं। इंटरनेट का प्रयोग शादी-ब्याह के लिए, टिकट बुक
करवाने के लिए, कोई भी बिल जमा कराने, बैंक के
काम घर से करने के लिए करते हैं। ऐसा लगता है पूरी दुनिया नेट पर निर्भर है।
जनसंचार माध्यमों का दुष्प्रभाव
जनसंचार माध्यमों सदुपयोग के साथ-साथ दुरूपयोग भी हो रहा
है। नेट-क्राइम बढ़ता जा रहा है जहाँ सिनेमा, टी.वी. वास्तविकता से परे काल्पनिक दुनिया
में पहुँचा देते हैं। वहीं वे अपराधों के नए-नए तरीके सिखा देते हैं हिंसा और
अश्लीलता युवा वर्ग को प्रभावित करती है। विज्ञापनों के जाल में मनुष्य फँस जाता
है। अखबार और टेलीविज़न चैनलों में कुछ खास मुद्दों को उछाला जाता है। कुल मिलाकर
हम कह सकते हैं कि जहाँ एक ओर लोग शिक्षित, सचेत और जागरुक हो रहे हैं वहीं नकारात्मक
प्रभाव उन्हें भ्रमित, पथभ्रष्ट और चरित्र पर प्रभाव डाल रहे हैं।
एक जागरूक पाठक व श्रोता होने के नाते हमें आँखें, कान और दिमाग सदा खुले रखने जाहिर। जनसंचार माध्यमों
की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह भी है कि उनमें अनेक द्वारपाल (गेटकीपर) कार्य करते
हैं। द्वारपाल का कार्य जनसंचार से प्रकाशित या प्रसारित होने वाली सामग्री को
नियंत्रित एवं निर्धारित करना है। किसी जनसंचार माध्यम में काम करने वाले द्वारपाल
ही निश्चित करते हैं कि वहाँ किस प्रकार की सामग्री प्रकाशित अथवा प्रसारित की
जाएगी।
-
प्रश्न विचार
लघुत्तरीय प्रश्न
1.
संचार से आप क्या समझते हैं?
2.
मौखिक एवं अमौखिक संचार में क्या अंतर हैं?
3.
अंतःवैयक्तिक संचार से आप क्या समझते हैं?
4.
अंतरवैयक्ति संचार क्या है?
5.
संचार के विभिन्न तत्व कौन-कौन से हैं?
6.
फीडबैक क्या है?
7.
एनकोडिंग किसे कहते हैं?
8.
डीकोडिंग किसे कहते हैं?
9.
जनसंचार क्या है?
10.
जनसंचार के आधुनिक माध्यम कौन-कौन से हैं?
11.
जन संचार में द्वारपाल की क्या भूमिका है?
12.
द्वारपाल किसे कहते हैं?
13.
भारत में पहला समाचार वाचक किसे माना जाता है?
14.
अखबारी पत्रकारिता को अस्तित्व में आए कितने वर्ष हो गए?
15.
भारत में पत्रकारिता की शुरूआत कब और किससे हुई?
16.
भारत के पहले साप्ताहिक पत्र और उसके संपादक का नाम लिखिए।
17.
आज़ादी से पूर्व के दो पत्रकारों एवं दो पत्रिकाओं के नाम लिखिए।
18.
स्वतंत्रता के बाद के दो पत्रकारों व पत्रिकाओं के नाम लिखो।
19.
रेडियो का आविष्कार किसने किया?
20.
ऑल इंडिया रेडियों की स्थापना कब हुई?
21.
एफ. एम. रेडियों कब से प्रारम्भ हुआ?
22.
भारत में टी.वी. की शुरुआत कब से हुई?
23.
सिनेमा का आविष्कार किसने कहाँ किया?
24.
भारत में पहली फिल्म बनाने का श्रेय किसे जाता है?
25.
भारत में पहली मूक फिल्म कब बनी और इसका क्या नाम था?
26.
पहली बोलती फिल्म कब बनी और इसका क्या नाम था?
27.
इंटरनेट के लाभ लिखिए।
28.
जनसंचार माध्यम का एक लाभ व एक दुष्परिणाम लिखिए।
29.
पत्रकारिता के तीन पहलू कौन-कौन से हैं?
30.
रेडियो किस प्रकार का संचार माध्यम है?
31.
टेलीविज़न जन-संचार का कैसा माध्यम है?
32.
जन संचार का आधुनिक व लोकप्रिय माध्यम कौन-सा है?
दीर्घ उत्तरीय
प्रश्न
1. 'भारत के जनसचार माध्यमों का विकास पर टिप्पणी
लिखिए।
2. अनुच्छेद लिखिए - समाचार पत्र, रेडियो, सिनेमा, टेलीविजन।
3. आज के युग में इंटरनेट का महत्त्व।
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