उपवाक्य (Clause) एवं इसके प्रकार

 उपवाक्य (Clause)

वर्ण+शब्द+पद+पदबंध+उपवाक्य+वाक्य+प्रोक्ति

उपवाक्य सरल अर्थ में

मुझे कल दिल्ली जाना है। (सरल वाक्य)

मुझे कल दिल्ली और परसों कोलकाता जाना है। (संयुक्त वाक्य)

मुझे सूचना मिली है कि मुझे कल दिल्ली जाना है। (मिश्र वाक्य)

मुझे सूचना मिली है कि मुझे कल दिल्ली जाना है और वहाँ से कोलकाता जाना है। (जटिल वाक्य)

उपवाक्य क्या है?

कभी-कभी हम देखते हैं कि एक ही वाक्य में अनेक वाक्य होते हैं, ऐसे में एक मुख्य/प्रधान  उपवाक्य और दूसरा गौण उपवाक्य कहलाता है, जैसे – मोहन ने कहा कि मैं खेलूँगा।

मोहन ने कहा मुख्य/प्रधान उपवाक्य है।

कि मैं खेलूँगा गौण उपवाक्य है।

इस तरीके से एक ऐसा पदों का समूह, जिसका अपना अर्थ हो, जो एक वाक्य का भाग हो और जिसमें उदेश्य और विधेय हों, उसे ही उपवाक्य कहते हैं।

वाक्यों के प्रकार

सरल

संयुक्त

मिश्र

क्या सरल में उपवाक्य होते हैं?

नहीं, सरल में उपवाक्य होते नहीं हैं क्योंकि इसमें एक ही क्रिया होती है, जैसे- कल मुझे दिल्ली जाना है।

राज अभी बाज़ार गया है।

संयुक्त वाक्य में उपवाक्य

संयुक्त वाक्य में निहित उपवाक्य समानाधिकरण उपवाक्य कहलाते हैं। ये समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्ययों से जुड़े होते हैं, जैसे- शीला स्कूल गई और उसकी माँ ऑफिस।

मैं गरीब हूँ मगर बेईमान नहीं।

मैं शादी में जाना चाहता था पर पिताजी ने मना कर दिया।

काम ठीक से करो वरना छोड़ दो।  

समानाधिकरण अव्यय (और, एवं, तथा, परंतु, लेकिन, किंतु, या, अथवा, बल्कि, इसलिए इत्यादि)

मिश्र वाक्य में उपवाक्य

मिश्र वाक्य में एक प्रधान/मुख्य उपवाक्य और अन्य आश्रित/गौण उपवाक्य होते हैं जो आपस में व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्ययों से जुड़े होते हैं, जैसे- पिताजी जो कहें, उसे मानो।

महात्मा ने बताया कि आत्मा अमर है।

जो आदमी बाहर खड़ा है वह मेरा मित्र है।

यदि तुम कल आते तो मैं अवश्य चलता।

उसने कहा कि कल वह दिल्ली नहीं जा सकेगा।

वह जैसा पढ़ाता है वैसा कोई नहीं पढ़ाता।  

व्यधिकरण अव्यय (कि, हालाँकि, जिससे, ताकि, जो, जितना, ज्यों-त्यों, चूँकि, क्योंकि, यदि, यद्यपि, जब, जहाँ इत्यादि)

आश्रित/गौण उपवाक्यों के प्रकार

(1) संज्ञा-उपवाक्य (Noun Clause)

(2) विशेषण-उपवाक्य (Adjective Clause)

(3) क्रियाविशेषण-उपवाक्य (Adverb Clause)

संज्ञा-उपवाक्य (Noun Clause)

संज्ञा उपवाक्य कर्म या पूरक रूप में संज्ञा का काम करते हैं, संज्ञा उपवाक्य के पहले प्राय: कि का प्रयोग होता है।

जैसेमैं जानता हूँ कि वह उत्तीर्ण नहीं हो सकता। (जानना क्रिया का कर्म)

मुझे विश्वास है कि आप दीपावली पर अवश्य आएँगे।

रहीम ने बताया कि वह मैसूर जाएगा। (बताना क्रिया का कर्म)

इनसे यह मत पूछिए कि ये कौन हैं? (यह का पूरक)

विशेष द्रष्टव्य –

कभी-कभी कि का प्रयोग आश्रित उपवाक्यों में नहीं होता है, जैसे-

गांधी जी न कहा था, “अहिंसा परमो धर्म”

 

विशेषण-उपवाक्य (Adjective Clause)

जो उपवाक्य किसी संज्ञा की विशेषता बतलाते हैं उसे विशेषण-उपवाक्य कहते हैं।  विशेषण उपवाक्य के पहले प्राय: जो, जिस, जिसे, जिसको, जिसमें, जिसपर, जिसका, जिसके आदि का प्रयोग होता है।

जैसेवह छात्र उत्तीर्ण हो जाएगा जो परिश्रम करेगा।

जिसे आप ढूँढ रहे हैं मैं वह नहीं हूँ।

जिन लोगों ने तुम्हें भड़काया है, उन्हीं से जवाब माँगों।

जो पैसे मुझे मिले थे वे खर्च हो गए।

यह वही आदमी है जिस पर एक लाख का इनाम है।

क्रियाविशेषण-उपवाक्य (Adverb Clause)

क्रियाविशेषण उपवाक्य किसी क्रिया के घटित होने के समय, स्थान, रीति, कारण, परिणाम, शर्त आदि की सूचना देती है।

जैसे – जब मैं जापान में रहता था, रोज़ फिल्म देखता था। (समय)

जहाँ मैं रहा करता था वहाँ एक भी मंदिर नहीं था। (स्थान)

जैसा मैं कहूँ वैसा ही करो। (रीति)

तुम जितना पढ़ोगे तुम्हें उतना ही लाभ होगा। (परिणाम)

वह कल ज़रूर आएगा क्योंकि उसका साक्षात्कार है। (कारण)

यदि मैं मेहनत करता तो अवश्य पास हो जाता। (शर्त)

 

 

 

 

 

 

Comments