स्वच्छता का सपना, संकल्प हो अपना By Avinash Ranjan Gupta

 

स्वच्छता का सपना, संकल्प हो अपना

संकल्प लिया हमने,

इसको पूरा अब करना है,

भूमि को विमल और  

मन को हमको निश्छल करना है।

इरादे हैं मजबूत,

देंगे इसका हम सबूत,

होगी निर्मलता हर ओर,

आ गया है नया दौर।  

तुम भी आओ मिलकर गाएँ ,

लोगों को हम ये बताएँ,

जीवन का है ये वरदान,

हों साफ मोहल्ले मैदान।  

संकल्प लिया हमने,

इसको पूरा अब करना है,

जल को निर्मल और

भारत को उज्ज्वल करना है।

गाँधी जी का सपना,

देखो होगा अब साकार,

मंजिल हम सबकी है ये, 

और यही चाहे सरकार।  

गंगा की धारा में फिर से,

अमृत के दर्शन होंगे,

विश्व पटल पर भारत फिर से

सर्वश्रेष्ठ स्वीकृत होंगे।  

अविनाश रंजन गुप्ता

 

 

 

 

 

 

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