वाक्य के भेद- अर्थ के आधार पर

 वाक्य भेद

वाक्य दो प्रकार के होते हैं

पहला

रचना के आधार पर

सरल वाक्य (Simple Sentence )

संयुक्त वाक्य (Compound Sentence )

मिश्र वाक्य (Complex Sentence )

दूसरा

वाक्य के भेद- अर्थ के आधार पर

अर्थ के आधार पर वाक्य मुख्य रूप से आठ प्रकार के होते है-

(i) विधानवाचक वाक्य (Affirmative Sentence)

(ii) निषेधात्मक वाक्य (Negative Sentence)

(iii) प्रश्नवाचक वाक्य (Interrogative Sentence)

(iv) आज्ञावाचक वाक्य (Imperative Sentence)

(v) संकेतवाचक / शर्तवाचक वाक्य (Conditional Sentence)

(vi) विस्मयादिबोधक वाक्य (Exclamatory Sentence)

(vii) संदेहवाचक वाक्य (Sentence indicating doubt)

(viii) इच्छावाचक वाक्य (Sentence indicating wish)

 

अर्थ के आधार पर वाक्यों के निम्नलिखित आठ भेद होते हैं

1. विधानवाचक वाक्य (Affirmative Sentence)-जिन वाक्यों से किसी क्रिया के करने या होने की सामान्य सूचना मिलती है, उन्हें विधानवाचक वाक्य कहते हैं। किसी के अस्तित्व का बोध भी इस प्रकार के वाक्यों से होता है, जैसे

सूर्य पश्चिम में अस्त होता है।

जाड़े में धूप प्यारी लगती है।

मैं कल दिल्ली गया था।

तेनालीराम एक बुद्धिमान व्यक्ति थे।

सावन महीने में बारिश होती है।

दीवाली अक्तूबर में मनाई जाती है।

2. निषेधवाचक वाक्य (Negative Sentence)-जिन वाक्यों से किसी कार्य के निषेध (न होने) का बोध होता हो, उन्हें निषेधवाचक वाक्य कहते हैं। इन्हें नकारात्मक वाक्य भी कहते हैं। जैसे-

सुधीर यह काम नहीं कर सकता।

मैं आज नहीं खेलूँगा।

आज बारिश नहीं होगी।

दादाजी स्वस्थ नहीं हैं।

तुम यहाँ न बैठो तो अच्छा है।

दया करके वहाँ मत जाइए।

आज विज्ञान के शिक्षक ने कक्षा नहीं ली।

3. आज्ञावाचक/आज्ञार्थक वाक्य (Imperative Sentence)-जिन वाक्यों से आज्ञा या अनुमति देने व बोध हो, उन्हें आज्ञावाचक वाक्य कहते हैं, जैसे-

आप चुप रहिए।

यहाँ से चले जाइए।

अपना-अपना काम करो।

आप जा सकते हैं।

छात्रो, अपनी-अपनी किताब निकालो।

वहाँ मत जाओ।

परीक्षा आरंभ कीजिए।

कल तक ज़रूर लौट आना।

4. विस्मयादिबोधक वाक्य या मनोवेगात्मक वाक्य (Exclamatory Sentence)-जिन वाक्यों से आश्चर्य (विस्मय), हर्ष, शोक, घृणा आदि के भाव व्यक्त हों, उन्हें विस्मयादिवाचक वाक्य कहते हैं, जैसे-

अरे! आपने तो कमाल कर दिया।

ओह ! बड़ा जुल्म हो गया।  

अहा ! कैसा सुंदर दृश्य है।

अच्छा ! तुमने भी स्नान कर लिया।

वाह ! मज़ा आ गया।

छिः ! कितना गंदा रास्ता है।

अरे ! तुमने नीट परीक्षा पास कर ली।

5. प्रश्नवाचक वाक्य (Interrogative Sentence)-जिन वाक्यों में प्रश्न किया जाए अर्थात् किसी से कुछ पूछा जाए, उन्हें प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं, जैसे - क्या, कौन, कहाँ, कैसे, कब, क्यों, किसलिए, न (कौन-सजीव, क्या – निर्जीव)

क्या तुम खेलोगे?

तुम पढ़ने कब जाओगे?

तुम्हारा क्या नाम है?

आप खाएँगे न?

वे क्यों चिल्ला रहे हैं?

आपके दादाजी कहाँ और कैसे हैं?

नोबल पुरस्कार किन-किन क्षेत्रों में दिया जाता है।

याद रखें- प्र्शन किया जाता है न कि पूछा जाता है।

6. संकेतवाचक वाक्य (Conditional Sentence)-जिन वाक्यों से एक क्रिया के दूसरी क्रिया पर निर्भर होने का बोध हो, उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते हैं। इन्हें शर्तवाचक/हेतुवाचक वाक्य भी कहते हैं। इनसे कारण, शर्त आदि का बोध होता है।

वर्षा होती, तो फसल अच्छी होती।

यदि चुनाव निष्पक्ष हुआ तो सुभाष बाबू ही जीतेंगे।

आप आते, तो इतनी मुसीबत न आती।

यदि छुट्टियाँ हुईं, तो हम कश्मीर अवश्य जाएँगे।

अगर तुम परिश्रम करते तो फेल न होते।

तुम प्रदर्शनी देखने चलते तो मैं भी चल सकता था।  

7. संदेहवाचक वाक्य (Sentence indicating doubt)-जिन वाक्यों में कार्य के होने में संदेह अथवा संभावना हो, उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते हैं, जैसे

अब तक वह सो गया होगा।

संभवतः वह सुधर जाए।

शायद मुझे ही दिल्ली जाना होगा।

लगता है मैंने इस आदमी को कहीं देखा है।

अब तक वह एयरपोर्ट पहुँच चुका होगा।

हो सकता है आज वर्षा हो।

शायद हम पहले भी मिल चुके हैं।

मुमकिन है कि राजेश पूना से लौट आया हो।    

8. इच्छावाचक वाक्य (Sentence indicating wish)-जिन वाक्यों से वक्ता की इच्छा, आशा या आशीर्वाद, अभिशाप को व्यक्त करने वाले वाक्य इच्छावाचक वाक्य कहलाते हैं, जैसे-

ईश्वर तुम्हें दीर्घायु करे।

आपकी यात्रा मंगलमय हो।

भगवान करे, सब कुशल लौटें।

जा, तुझे नरक में भी जगह न मिले।

मैं चाहता हूँ कि तुम आगे बढ़ो।

चलो, अब खाना खाया जाए।

सदा सुखी रहो।

विशेष द्रष्टव्य –

विधानवाचक वाक्य को मूल आधार माना जाता है। शेष वाक्यों में किसी-न-किसी भाव की छवि होती है। किसी में नकारात्मक भाव होता है, जैसे- किसी में प्रश्न का किसी में विस्मय का, किसी में संकेत का, किसी में आज्ञा, संदेह, इच्छा या अनुमति का भाव होता है।

अर्थ की दृष्टि से वाक्य में परिवर्तन/रूपांतरण

किसी भी विधानवाचाक वाक्य को प्राय: सभी प्रकार के अर्थों से युक्त किया जा सकता है, जैसे -विधानवाचक

आरती दसवीं में पढ़ती है।

निषेधवाचक

आरती दसवीं में नहीं पढ़ती है।

प्रश्नवाचक

क्या आरती दसवीं में पढ़ती है?

आज्ञावाचक

आरती ! तुम दसवीं में पढ़ो।

विस्मयवाचक

अरे, आरती दसवीं पढ़ने लगी!

इच्छावाचक

काश! आरती दसवीं पढ़ती।

संदेहवाचक

आरती दसवीं में पढ़ती होगी।

(शायद आरती दसवीं में पढ़ती है।)

 संकेतवाचक - यदि अनुमति मिले तो आरती दसवीं पढ़े।

विधानवाचक से आज्ञार्थक में परिवर्तन

1. विधानवाचक – रीता रोज़ पढ़ने जाती है।

आज्ञार्थक – रीता, तुम रोज़ पढ़ने जाया करो।

2. विधानवाचक सुरेश को खेलने से रोका जाता है।

आज्ञार्थक सुरेश  को खेलने से रोको।

विधानवाचक से प्रश्नवाचक और निषेधवाचक में परिवर्तन

1. विधानवाचक - वह जी खोलकर दान देता है।

 प्रश्नवाचक क्या वह जी खोलकर दान देता है?

निषेधवाचक  वह जी खोलकर दान नहीं देता।

2. विधानवाचक पुलिस को देखते ही चोर भाग गए।

प्रश्नवाचक क्या पुलिस को देखते ही चोर भाग गए?

निषेधवाचक पुलिस को देखते ही चोर नहीं भागे।

3. विधानवाचक राम स्कूल जाएगा।

प्रश्नवाचक क्या राम स्कूल जाएगा?

निषेधवाचक राम स्कूल नहीं जाएगा।

4. विधानवाचक रमेश आज विद्यालय गया है।

प्रश्नवाचक क्या रमेश आज विद्यालय गया है?

निषेधवाचक रमेश आज विद्यालय नहीं गया।

5. विधानवाचक सुरेश ने यह पुस्तक पढ़ी है।

प्रश्नवाचक क्या सुरेश ने यह पुस्तक पढ़ी है?

निषेधवाचक - रमेश ने आज यह पुस्तक नहीं पढ़ी।

 

विधानवाचक से विस्मयवाचक में परिवर्तन

विधानवाचक तुम आ गए हो।  

विस्मयवाचक अरे, तुम आ गए हो!

विधानवाचक यह बहुत ही सुंदर दृश्य है।

विस्मयवाचक वाह ! कितना सुंदर दृश्य !

इच्छावाचक वाक्य से प्रश्नवाचक और निषेधवाचक वाक्य

इच्छावाचक संसार में सब सुखी हो जाएँ।

प्रश्नवाचक क्या संसार में सब सुखी हो जाएँ?

निषेधवाचक संसार में सभी सुखी न हों।

विस्मयवाचक वाक्य से प्रश्नवाचक और निषेधवाचक वाक्य

विस्मयवाचक वाह ! तुमने तो कमाल कर दिया।

प्रश्नवाचक तुमने कौन-सा कमाल कर दिया?

निषेधवाचक तुमने कोई कमाल नहीं किया।

प्रश्नवाचक से विस्मयवाचक और निषेधवाचक में परिवर्तन

प्रश्नवाचक क्या वह इतना मूर्ख है?

विस्मयवाचक बाप रे, वह तो बड़ा मूर्ख है।

निषेधवाचक वह इतना मूर्ख नहीं है।

प्रश्नवाचक से विधानवाचक में परिवर्तन

प्रश्नवाचक - गाँधी जी का नाम किसने नहीं सुना?

विधानवाचक - गाँधी जी का नाम सबने सुना है।

निषेधवाचक से प्रश्नवाचक में परिवर्तन

निषेधवाचक सुरेश ने यह पुस्तक नहीं पढ़ी है।

प्रश्नवाचक क्या सुरेश ने यह पुस्तक पढ़ी है?

अथवा

क्या सुरेश ने यह पुस्तक नहीं पढ़ी है?

निषेधवाचक से विधानवाचक में परिवर्तन

निषेधवाचक उसने कोई उपाय नहीं छोड़ा।

विधानवाचक - उसने सब उपाय छोड़ दिए।

 

 

 

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