डायरी लेखन से जुड़ी सभी जानकारियाँ By Avinash Ranjan Gupta


डायरी के लिए हिन्दी शब्द
डायरी के लिए दैनंदिनी’, दैनिकी और रोज़नामचा शब्द का प्रयोग हिंदी में किया जाता है।
दैनंदिनी/ डायरी लेखन क्या है?  
'दैनंदिनी लेखन या डायरी लेखन एक पुस्तिका होती है जिसमें दिनभर किए गए कार्यों का संक्षेप में वर्णन रहता है। इसे प्रतिदिन लिखा जाता है।
डायरी लेखन का मुख्य उद्देश्य
हर दिन हमारे जीवन में कुछ न कुछ प्रिय अथवा अप्रिय घटनाएँ घटती रहती हैं, जो हमारे मन पर अमिट प्रभाव छोड़ती हैं, प्राय: उसे ही हम प्रतिदिन डायरी के रूप में लिखते हैं।
डायरी लेखन के अन्य कारण
देखिए, कभी-कभी ऐसा होता है कि हम अपने मन की बातें दूसरों को नहीं समझा या बता पाते इसके बहुत से कारण हो सकते हैं, हमारा स्वभाव, समय का अभाव इत्यादि ऐसे में डायरी एक सच्चे मित्र की तरह काम करती है जिसे हम सब कुछ बता सकते हैं।
अकेलेपन में डायरी का महत्त्व
कभी-कभी हम भागदौड़ की जिंदगी में भी अकेलेपन का शिकार हो जाते हैं ऐसे में हमारी डायरी एक सच्चे मित्र की भूमिका निभाते हुए हमारा अकेलापन दूर कर देती है और इतना ही नहीं हमें आत्ममंथन (Introspect) करने का भी अवसर प्रदान करती है।  (फोटो देखकर) only speak
डायरी लेखन अपनी भावी पीढ़ी के लिए   
जबसे हम डायरी लिखना शुरू करते हैं और जब हम इसकी समाप्ति पर पहुँचते है तो लगभग एक पीढ़ी (Generation) बीत चुका होता है ऐसे में हमारे वंशजों के लिए हम उपलब्ध हो भी सकते हैं और शायद नहीं भी इस स्थिति में अगर वो हमसे मुखातिब होना चाहे। हमारे बारे में जानना चाहे तो हमारी लिखी हुई डायरी उनके लिए एक सहायक सामग्री के रूप में काम आएगी।
डायरी लेखन से विशेष लाभ
प्रसिद्ध व महान व्यक्ति भी दैनंदिनी लिखते थे। उनकी दैनंदिनी पढ़कर हम पूरा युग देख सकते हैं। कई बार यही दैनंदिनी आगे चलकर 'आत्मकथा' का रूप ले लेती है। जिससे हम महान व्यक्तियों के विचारों, अनुभवों व दिनचर्या के बारे में जान पाते हैं।
डायरी लेखन से भाषायी लाभ
डायरी लेखन से हमारी लेखन कौशल (Writing Skill) और चिंतन कौशल (Thinking Skill) का भरपूर विकास होता है। इसके साथ-साथ हम अपने लिए कुछ समय निकाल पाते हैं। 
डायरी लेखन से चरित्र निर्माण
जी हाँ, मेरा मानना है कि डायरी लेखन से चरित्र निर्माण किया जा सकता है क्योंकि जब हम डायरी लिखते हैं तब हम विचारशील होते हैं, घटनाओं का गहन अध्ययन करते हैं, कुछ गलत न करने की और कुछ अच्छा करने का संकल्प भी लेते हैं जो उत्तम चरित्र निर्माण के लिए परम आवश्यक है।
डायरी का ऐतिहासिक महत्त्व
आमिर खान की फिल्म गजनी में भी डायरी का बड़ा महत्त्व था। गौर हरी दास, ओड़िशा के स्वतंत्रता सैनानी को यह प्रमाणित करने में कि वे स्वतंत्रता सैनानी थे जिससे मदद मिली वह भी एक डायरी ही थी। सीबीएसई की कक्षा दस की हिंदी पुस्तक में डायरी का एक पन्ना पाठ है जो 1931 में हुए कलकत्ता में स्वतंत्रता आंदोलन की व्याख्या करता है।
डायरी लेखन की आवश्यक बातें :
(1) पृष्ठ में सबसे ऊपर तिथि, दिन तथा लिखने का समय अवश्य लिखें।
(2) इसे प्रायः सोने जाने से पहले लिखें, ताकि पूरे दिन में घटित सभी विशेष घटनाओं को लिख सकें।
(3) दैनंदिनी के अंत में अपने हस्ताक्षर करें, ताकि वह आपके व्यक्तिगत दस्तावेज बन सकें।
(4) दैनंदिनी लिखते समय सरल व स्पष्ट भाषा का प्रयोग करें।

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