डायरी लेखन उदाहरण – 1


दिनांक – 09/01/2020
दिन – गुरुवार
समय - 09:30 PM
हर दिन की तरह आज मैं सुबह घर से ऑफिस जाने के लिए बाइक पर निकला। लगभग 10-15 मिनट की यात्रा के बाद मुझे एक कौतूहल भरा दृश्य दिखा जिसमें एक घायल व्यक्ति जिसके सिर, हाथ पैर में गहरी चोटें थीं और रक्तस्राव लगातार हो रहा था, सड़क के किनारे मदद के लिए आती-जाती गाड़ियों को रोकने का प्रयास कर रहा था। यह दृश्य मेरे लिए बड़ा मार्मिक था। मैंने अपनी बाइक रोकी और उसके पास उसकी मदद के लिए गया परंतु वो मेरी मदद लेने से मानो इंकार कर रहा था। वहाँ भीड़ धीर-धीरे बढ़ती ही जा रही थी। फिर एक सत्य का उद्घाटन हुआ वो व्यक्ति एक वीडियो शूट कर रहा था जिसमें वह लोगों की संकीर्ण मानसिकता और खत्म होती मानवता को उजागर करना चाहता था। वो व्यक्ति कोई यूट्यूबर था। मैं लगभग आधे घंटे देर से ऑफिस पहुँचा। बॉस से थोड़ा सुनने को मिला पर मैं खुश हूँ कि मुझमें मानवता जीवित है।
अविनाश रंजन गुप्ता

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