मोहन मेरा

मोहन मेरा
मोहन मेरा, हुआ सबेरा ।
करती ऊषा गान। साथी तेरे, मिलें न हेरे
क्यों सोता अज्ञान?
ले ले कोड़ा, चढ़ चढ़ घोड़ा।
पहुँचे सब स्कूल एक न साथी, ऊँट न हाथी।
खेलेगा क्या धूल ॥


Comments