कभी नहीं
कभी नहीं
कभी न रो-रो आँख फुलाना ।
कभी न मन में क्रोध
बढ़ाना ॥
कभी न दिल से दया भुलाना
।
कमी न सच्ची बात
छिपाना ।
कभी न बातों में
चिढ़ जाना।
कभी न दुष्टों
से भय खाना ।
कभी न खाकर
मित्र नहाना ।
कभी न बासी खाना
खाना॥
कभी न अति खा पेट फुलाना
।
कभी न खाते ही सो
जाना ॥
कभी न पढ़ने से
घबड़ाना ।
कभी न तन में आलस
लाना ।।
कभी न करना जरा
बहाना।
कभी न बढ़ने पर
इतराना ॥
कभी न मन में
लालच लाना ।
कभी न इतनी बात
भुलाना ।।
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