ऐसा कभी नहीं होगा
ऐसा कभी नहीं होगा
जो तीर निशाना
चूक चुका,
उसका कुछ मान
नहीं होगा।
जिसको मुँह खाकर
थूक चुका,
मुँह में वह पान
नहीं होगा।
भूसी से जो हो गया
अलग,
वह चोवल धान नहीं
होगा।
रण से जो गया सिपाही
भाग,
उसका गुण गान नहीं
होगा।
जो बकरों की बलि
करता है,
वह खुद बलिदान
नहीं होगा ।
जो शैतानी से
डरता है,
वह ही शैतान
नहीं होगा।
जो समझ बूझ कर बढ़ता
है,
मग में हैरान नहीं
होगा।
जो कभी न लिखता
पढ़ता है,
हरगिज विद्वान नहीं
होगा।
Comments
Post a Comment