baal Kavita on प्यारा पेट
प्यारा पेट
कैसे मैं दुनिया में आता,
अगर न होता प्यारा पेट ।
कैसे मैं कुछ खा-पी पाता,
अगर न होता प्यारा पेट ॥
प्यारा पेट दुलारा पेट ।
तीन लोकों से न्यारा पेट ।
तोंदों ने जब टाँग बढ़ाई,
बनी पेट के लिए कढ़ाई।
हुई पेट के लिए लड़ाई,
बड़े पेट की बड़ी बड़ाई ॥
खाओ यारो भर भर पेट।
मैंने देखा घर घर पेट ॥
बने पेट के लिए पुजारी,
बने पेट के लिए जुआरी ।
बने पेट के लिए भिखारी,
बड़ी पेट की महिमा भारी॥
दुनिया का राजा है पेट ।
देखो वहाँ विराजा पेट ।
पेट सुलाता पेट जगाता,
टाइमपीस घड़ी है पेट ।
पेट पढ़ाता पेट लिखाता,
अध्यापिका छड़ी है पेट
पड़े-पड़े यह पालो पेट ।
भैया खूब सँभालो पेट ॥
पेट रुलाता पेट हँसाता,
विरह मिलन की छाया पेट ।
अजी। पेट ही परमेश्वर है,
परमेश्वर की माया पेट ॥
मन्दिर और शिवाला पेट ।
कभी न भरने वाला पेट ।
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