Baal Kavita on Train रेल
रेल
भक-भक करती
धुवाँ उड़ाती ।
वह आ रही रेल
चिल्लाती ॥
टन टन टन टन घंटा बोला
।
जल्दी टिकट खरीदो
भोला !
भीड़ हुई लोगों
की भारी ।
जल्दी में हैं
सब नर नारी ॥
देखो कहीं न रह जाएँ
हम ।
केवल धक्का ही खाएँ
हम ॥
अजी जेब में
पुस्तक डालो।
पहले निज असबाब
सँभालो ।।
ओहो ! यह न लाल
गाड़ी है।
धोखा हुआ, माल गाड़ी है ।
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