Baal Kavita on Parrot तोता


तोता
सीताराम नाम है इसका ।
रटना यही काम है इसका ।।
माँ ! कैसे पाला यह तोता ?
पिंजड़े में डाला यह तोता ?
सूरत इसकी भोली-भाली।
बोली इसकी बड़ी निराली ।।
नहीं किसी को दुख पहुँचाता।
इसीलिए क्या आदर पाता ?
अब यह पिंजड़े का राजा है ।
मुझसे नित सुनता बाजा है।
और नाम ले लेकर मेरा ।
सदा मुझे करता है टेरा ॥
जब कोई घर में आता है।
तो यह यों कह चिल्लाता है।
आओ भाई ! आओ भाई !
अपना नाम बताओ भाई !
पढ़ता ही रहता है सब दिन ।
पर न पाँच तक भी सकता गिन ।।
उसका गणित सीखना कैसा ?
जिसे नहीं गिनना है पैसा ॥
यह अखरोट तोड़ लेता है।
यह बादाम फोड़ लेता है ॥
मेवे सभी उड़ाता है यह ।
मिर्च चाव से खाता है यह ॥
माता ! मुझे बना दो तोता ।
शौक बड़ा उड़ने का होता॥
पर न चाहिए पिजड़ा तेरा ।
पेड़ों पर डालूँगा डेरा॥
ताजे-ताजे फल खाऊँगा।
चिड़ियों में चूँ-चूँ गाऊँगा ॥
मुझे पकड़ने जो आवेगा ।
मार चोंच की वह खावेगा।


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