Baal Kavita on Donkey गदहा


गदहा
गदहे की है अजब कहानी । ।
बोली है इसकी जापानी ।।
शौक भी बड़ा है गाने का ।
इस दुनिया में यश पाने का ॥
पर न घड़ी अपने संग रखता।
जरा न असमय-समय परखता।
चिल्ला उठता है मनमाना ।
सदा एक ही गाता गाना ।।
इससे नहीं किसी को भाता ।
नही कहीं भी आदर पाता ।।
लटकाए मुँह रहता हरदम ।
नहीं उदासी होती कुछ कम ।।
सिर्फ सुरीली बोली के बिन ।
अपमानित होता है छिन छिन ।
और समझ के बिना विधाता !
जाता जहाँ वहीं पिट जाता ।।
ऐसे ही जो लड़के होते ।
नासमझी का बोझा ढोते ।।
वे भी गदहे कहलाते हैं।
कहीं नहीं आदर पाते हैं।



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