Baal Kavita on Dog कुत्ता
कुत्ता
कुर कुर कुर कुर कुत्ता आ जा ।
तुझे बनाऊँगा मैं राजा ॥
कुरसी एक उठा लाऊँगा।
उस पर तुझको बैठाऊँगा ॥
वह होगी सिंहासन प्यारे !
और सिपाही लड़के सारे ॥
कागज की टोपी का भारी ।
मुकुट बना दूँगा सुखकारी॥
छोटा-बड़ा लँगोट किसी का ।
फटा पुराना कोट किसी का ॥
पहनावेंगे तुझको लड़के ।
बहलावेंगे तुझको लड़के ॥
जो जंजीर गले में आला ।
वह ही होगी तेरी माला ॥
राजतिलक मैं दूँगा तुझको ।
औ' कुत्तेश कहूँगा तुझको ।
तेरा ब्याह करावेंगे फिर ।
कुतिया कोई लावेंगे फिर ॥
देख उसे पर मत गुर्राना ।
नहीं पड़ेगा धोखा खाना ॥
वह भी दौड़ेगी गुर्राकर ।
भागेगे लड़के भय खाकर ॥
टूटी कुरसी उलट जाएगी।
किस्मत तेरी पलट जाएगी॥
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