Baal Kavita on Boat नाव


नाव
खाट बनी है नाव हमारी छड़ी बनी पतवार ।
पार जिसे जाना हो आकर होवे शीघ्र सवार ॥
बड़ी है मजेदार नैया ।
रही जा नदी पार नैया ॥
दो दो पैसे देने होंगे बात कहूँ मैं साफ !
पर जो तुतला कर बोलेगा उसको है सब माफ ।
यही है रोजगार भैया!
रही जा नदी पार नैया ॥
दो दो कंकड़ देकर लड़के बोल उठे तत्काल ।
यह लो खेवा, खोलो नैया, तानो भैया ! पाल ॥
खेवैया ने नैया खोला ।
कहा सब ने बम बम भोला॥
उस नैया पर चढ़े मुझे हैं गए बहुत दिन बीत ।
पर न खेवैया वाला अब तक भूला है यह गीत ॥
बड़ी है मजेदार नैया ।
रही जा नदी पार नैया ॥

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