जामुन Baal Kavita on Black Berry
जामुन
है जामुन क्या काली-काली।
लसी हुई है डाली डाली ।
ठहरो ऊपर जाऊँगा मैं ।
डालें पकड़ हिलाऊँगा मैं ॥
बरस पड़ेंगी पट पट पट पट ।
अच्छी अच्छी चिनना झटपट ।
चले चलेंगे नदी किनारे ।
धो-धो कर खाएँगे प्यारे ।
अलग छाँट कुछ लेनी होंगी।
घर चल माँ को देनी होंगी।
क्योंकि जीभ जब दिखलाएँगे।
मुन्नी को हम ललचाएँगे ।।
तो उदास उसका मुँह लखकर ।
तुरंत कहेगी माँ गुस्साकर ॥
फौरन भागो बाग में जाओ।
बेटी को भी जामुन लाओ ॥
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