Baal Kavita on Bear भालू


भालू
ओहो ! आया भालू काला ।
लंबे-लंबे बालों वाला ।।
जुटे मुहल्ले भर के लड़के ।
भय है मेरी भैस न भड़के ।।
लिए मदारी था जो झोला ।
उसे भूमि पर धर कर बोला
अपना नाच दिखा दे भालू !
पाएगा तू रोटी आलू ।।
गाया उसने-आ-या-या-या ।
भालू को डंडा दिखलाया ।।
ओर बजाया डमरू डम-डम ।
लगा नाचने भालू छम-छम ॥
नाचो भाई ऐसे ! ऐसे !
कह कर लगा माँगने पैसे ॥
भालू ने भी खूब हिलाया।
अपनी बालों वाली काया ।।
पाई पैसे बरसे खन खन ।
उन्हें जेब में रख कर फौरन ।।
हँसता आगे बढ़ा मदारी ।
भीड़ लिए लड़कों की भारी ॥
हैं जो अध्यापक चिल्लाते
आह ! न लड़के पढ़ने आते ।।
वे भी भालू अगर नचावें ।
तो न मदरसा सूना पावें ॥


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