Baal Kavita on Aeroplane हवाई जहाज
हवाई जहाज
वह जा रहा जहाज हवाई
।
बहुत दिनों में पड़ा
दिखाई।
भरता है कैसा
भन्नाटा !
मानों पीस रहा
है आटा ॥
मालूम होता ऐसा छोटा
।
हो मानों उड़ रहा
लँगोटा॥
जो इसमें बैठे
हैं भाई।
गुड़ियों से
पड़ते दिखलाई ॥
जल में तेज जहाज
चलाया ।
थल पर रेल आदि
दौड़ाया ॥
उड़ने का भी
अवसर आया ।
यह देखो मनुष्य
की माया !
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