Samanya prshn on Shikayatee Patra By Aviansh Ranjan Gupta

पत्र क्या है?
वह कागज़ जिस पर किसीको भेजने के लिए कोई समाचार, सूचना, विचार, या संदेश लिखा हो, उसे पत्र कहते हैं। 
पत्र को पत्र ही क्यों कहा जाता है?
पत्र का एक अर्थ पत्ता (leaf) भी होता है। प्राचीन काल में जब कागज़ नहीं होता था तब संदेश, समाचार आदि प्राय: वृक्षों के बड़े पत्तों पर ही लिखकर भेजे जाते थे, इसलिए इसे पत्र कहा जाने लगा। यह शब्द अब ख़त या चिट्ठी का वाचक हो गया है।
पत्र के कितने प्रकार हैं?
पत्र के दो प्रकार हैं, पहला, औपचारिक पत्र (Formal Letter) और दूसरा अनौपचारिक पत्र (Informal Letter)
औपचारिक पत्र की क्या परिभाषा है?
औपचारिक पत्र वह पत्र होता है जो हम किसी लब्ध प्रतिष्ठित सामाजिक संस्था के अध्यक्ष/सचिव को, शैक्षणिक संस्थाओं के निदेशक/प्राचार्य को, सरकारी संस्था के अधिकारी/अधिकारियों को, मंत्रालय के मंत्री/सचिव को या किसी व्यापारिक अनुष्ठान सदस्यों को, किसी कंपनी/फर्म नियोक्ता (Employer) को लिखते हैं। इन पत्रों में व्यक्तिगत या सामूहिक कारण निहित होता है। 
औपचारिक पत्र के प्रकार
प्रधानाचार्य को, किसी अधिकारी को, संपादक को, मंत्रालय के किसी मंत्री को, व्यापारिक अनुष्ठानों को, नौकरी हेतु आवेदन, शिकायत संबंधी पत्र इत्यादि।  
शिकायत संबंधी पत्र का क्षेत्र  
शिकायत संबंधी पत्र आप सरकारी, गैर सरकारी या व्यापारिक अनुष्ठानों को भी लिख सकते हैं। ये आवश्यकता और प्रकार पर निर्भर करता है कि शिकायत संबंधी पत्र किस उद्देश्य से और किसे लिखा जा रहा है।   
शिकायत संबंधी पत्र में संलग्नक
शिकायत संबंधी पत्र में आवश्यकता पड़ने पर संलग्नक (Attachment) लगाया जा सकता है, जैसे- यदि आप किसी मामले की शिकायत कर रहे हैं तो उससे संबंधित अगर आपके पास कोई भी दस्तावेज़ है जो आपकी शिकायत को पुष्ट और ठोस बना सके तो ऐसी स्थिति में उसकी प्रतिलिपि (फ़ोटोकॉपी) ज़रूर लगानी चाहिए। 
शिकायत संबंधी पत्र सरकारी संस्थाओं को
जब कोई विभाग अपने दायित्वों का निर्वाह सही से नहीं कर रहे होते हैं और इस कारण से आम जनता को परेशानियाँ होती हैं, तब ऐसी स्थिति में शिकायती पत्र उस विभाग के आला अधिकारी को लिखकर समस्या की तरफ उनका ध्यान आकर्षित किया जाता है। कभी-कभी शिकायती पत्र सुझाव पत्र का रूप भी ले सकता है जब उसमें समस्याओं के साथ-साथ उसके निदान की बातें भी लिखीं जाएँ।   
शिकायत संबंधी पत्र और पृष्ठ

अगर समस्या किसी क्षेत्रविशेष की हो तो वहाँ के पंजीकृत क्लब के लेटरहैड पर आला अधिकारियों को पत्र लिखा जा सकता है। साधारणत:, आपके और मेरे जैसे आम आदमी व्यक्तिगत या सार्वजनिक समस्याओं को सामान्य सफ़ेद कागज़ पर ही लिखकर आला अधिकारियों को उचिर कार्रवाई/कार्यवाही के लिए भेजते हैं।  

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