कहानी-लेखन की विधियाँ By Avinash Ranjan Gupta
कहानी-लेखन की विधियाँ
(1) कथानक की सहायता या आधार
पर कहानी लिखना,
(2) रूपरेखा के
सहारे कहानी लिखना,
(3) अधूरी या
अपूर्ण कहानी को पूर्ण करना,
(4) चित्र/चित्रों
के आधार पर कहानी लेखन
उदाहरण
कथानक की सहायता या आधार पर
कहानी लिखना।
इस विधि से सबसे ज़्यादा कहानी
लेखन किया जाता है। यह एक बुनियादी रूप है और इसमें लेखक अपने विचारों, अनुभवों और घटित घटनाओं को पुष्ट करते हुए कथा यहा कहानी लिखता है।
रूपरेखा के सहारे कहानी लिखना
रूपरेखा के सहारे कहानी लिखना
एक प्रकार से कल्पनाशीलता और भाषा कौशल को निखारने के श्रेष्ठ माध्यम साबित हो
सकता है। इसमें रूपरेखा अर्थात् संकेत बिन्दु पहले से दिए गए होते हैं उन्हें ही
आधार बनाकर आपको कहानी लेखन कार्य करना होता है।
अधूरी या अपूर्ण कहानी को
पूर्ण करना
इस प्रकार के कहानी लेखन में
कहानी का उद्देश्य नहीं दिया गया होता है केवल आरंभिक कुछ विचार, घटना या पात्रों के संवाद होते हैं और छात्रों से उनकी कल्पनाशक्ति के
आधार पर इसे पूरा करने को कहा जाता है।
उदाहरण
गर्मी की छुट्टियों में मैं
सपरिवार शिमला घूमने गया था। हमलोग शिमला पहुँचे ही थे कि बस स्टेंड से हमारा
सूटकेस चोरी हो गया। हमलोग बहुत परेशान हो गए ..........
चित्र के आधार पर कहानी लेखन
चित्र देखने से हमारे भाव या
विचार जागते हैं। हम अपनी कल्पना-शक्ति से उसे एक रूप देने लगते हैं और उस रूप को
ही जब शब्दों में पिरोया जाता है तो उसे चित्र के आधार पर कहानी लेखन के नाम से
जाना जाता है।
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