कहानी से जुड़ी महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ By Avinash Ranjan Gupta
कहानी क्या है?
किसी घटना, पात्र या समस्या का क्रमबद्ध ब्योरा (Chronical Details) जिसमें परिवेश हो, द्वंद्वात्मकता (Dialectic) हो, कथा का क्रमिक विकास हो,
चरम उत्कर्ष का बिन्दु (Climax) हो,
उसे कहानी कहा जा सकता है।
जब किसी घटना, विचार, जीवन से जुड़ी बातों को किसी विशेष उद्देश्य
के साथ मौखिक या लिखित रूप प्रदान किया जाता है तो उसे ही कहानी कहते हैं।
कुछ प्रमुख परिभाषाएँ
मुंशी प्रेमचन्द के अनुसार
गल्प (कहानी) ऐसी रचना है जिसमें जीवन के किसी एक अंग या किसी एक मनोभाव को
प्रदर्शित करना ही लेखक का उद्देश्य रहता हैं। उसके चरित्र, उसकी शैली, उसका कथा-विन्यास सब उसी एक भाव को पुष्ट
करते हैं।
जयशंकर प्रसाद के अनुसार ‘सौन्दर्य की एक झलक का चित्रण करना और उसके द्वारा रस की सृष्टि करना
कहानी का उद्देश्य है।'
कहानी की व्यापकता
कहानी की व्यापकता या क्षेत्र
को किसी सीमा में नहीं बाँधा जा सकता। इस दुनिया में जितने भी चेहरे हैं उतनी
कहानियाँ हैं और जितनी भी जड़ या अचेतन वस्तुएँ हैं उनके पीछे भी कोई-न कोई कहानी
ज़रूर है।
कहानी की विशेषताएँ
आकार की लघुता, संवेदना की एकता, सत्य का आधार या कल्पना, रोचकता, मनोवैज्ञानिकता और सक्रियता, पात्रों की न्यूनता, संकलनत्रय (स्थान,काल और पात्र), जीवन की घटना अथवा स्थिति विशेष का
मार्मिक चित्रण, यथार्थता, परिस्थिति
की सरलता, उद्देश्य की स्पष्टता आदि भी कहानी की अन्य
विशेषताएँ हैं।
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