डीएवी पब्लिक स्कूल, राँची में संस्कृत शिक्षक के पद के लिए आवेदन By Avinash Ranjan Gupta
डीएवी पब्लिक स्कूल, राँची में संस्कृत शिक्षक के
पद के लिए आवेदन
दिनांक : 15/07/2019
सेवा में,
श्रीमान प्राचार्य महोदय
डीएवी पब्लिक स्कूल, राँची
बरियातु रोड, राँची
विषयः संस्कृत शिक्षक के पद के लिए आवेदन
महोदय,
आज दिनांक 16 जुलाई 2019 को राँची से प्रकाशित दैनिक जागरण के प्रातः संस्करण में प्रकाशित विज्ञापन से ज्ञात हुआ है कि आपकी प्रतिष्ठित शिक्षानुष्ठान डीएवी पब्लिक स्कूल में
संस्कृत शिक्षक के पद की
आवश्यकता है। मैं इस पद के लिए अपना आवेदन प्रस्तुत कर रहा हूँ।
मेरा स्ववृत्त (Biodata) इस आवेदन के साथ संलग्न
है। इसका अवलोकन करने पर आप पाएँगे कि मैं इस पद के लिए पूरी तरह से उपयुक्त
उम्मीदवार हूँ। मैं विज्ञापन में आपके द्वारा वर्णित सभी योग्यताओं और अर्हताओं को
पूरा करता हूँ। संक्षिप्त विवरण इस प्रकार हैः
क. मैं संस्कृत का छात्र रहा हूँ और व्याकरण मेरा
प्रिय विषय रहा है। मैंने इस विषय में आनर्स के साथ प्रथम श्रेणी में स्नातक की
उपाधि पाई है। अपने अध्ययन काल से ही मैं सीबीएसई के नवीं और दसवीं के छात्रों
संस्कृत पढ़ाया करता था। इस कारण से मुझे वर्षों का शिक्षण अनुभव प्राप्त है।
ख. मैंने स्नाकोत्तर के दौरान व्याकरण की तीन
संस्कृत पुस्तकों का हिन्दी और अंग्रेज़ी भाषा में अनुवाद किया है इस तरह से मैं
तीन भाषाओं में पारंगत हूँ और पब्लिक स्कूल के लिए उपयुक्त शिक्षक हो सकता हूँ।
ग.
डीएवी की परंपरा में हवन एक अभिन्न अंग है। मुझे मंत्रोच्चार, पूजा-पाठ हवन और यज्ञ की सारी
विधियों का गहन ज्ञान है। इस दृष्टि से भी मैं इस पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार
साबित होता हूँ।
घ. संस्कृत विषय को रुचिकर और सरल बनाने के लिए
मैंने बहुत सारे पाठ्य सामाग्री तैयार की है।
ङ.
चौखंबा प्रकाशन,
वाराणसी की तरफ से आयोजित संस्कृत ज्ञान प्रतियोगिता में मुझे 2016 और 2017 का श्रेष्ठ संस्कृत ज्ञाता का पुरस्कार और मानपत्र भी प्राप्त है।
च.
मुझे बहुत सारी सूक्तियाँ, ज्ञानप्रद कथाएँ और प्रेरक प्रसंगों का अच्छा ज्ञान है जिसे मैं बच्चों
के प्रोत्साहन में एक काउन्सलर की तरह कर
सकता हूँ।
मैं संस्कृत और साहित्य से जुड़ी पत्र—पत्रिकाएँ पढ़ने
का शौक रखता हूँ। इनके माध्यम से मैं अपने अध्यापन गतिविधियों को सही गति दे पाने
में सक्षम हूँ। मेरे द्वारा बनाए गए पाठ्य सहायक सामग्री से छात्र विषय में रुचि
लेने के साथ-साथ अधिकतम अंक प्राप्त कर सकेंगे जिससे विद्यालय की ख्याति भी बढ़ेगी।
अनुरोध है कि उपर्युक्त तथ्यों को ध्यान में
रखते हुए मेरे आवेदन पर सकारात्मक रूप से विचार करें और मुझे संस्कृत शिक्षक के पद
पर नियुक्त करें। अगर आपको प्रस्तुत की गई जानकारियों और तथ्यों में किसी भी तरह
का संशय है तो मुझे साक्षात्कार के लिए अवश्य बुलाएँ।
सधन्यवाद!
भवदीय
(अविनाश रंजन
गुप्ता)
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