‘और’ के विविध रूप By Avinash Ranja Gupta
‘और’ के विविध रूप
‘और’ का प्रयोग एवं या तथा के
अर्थ में किया जाता है।
गाय, बकरी और हिरन तीनों
घास-फूस खाने वाले प्राणी हैं।
सुधीर, रोहित और मोहन
तीनों चले गए।
‘और’ का प्रयोग अन्य या दूसरे
के अर्थ में किया जाता है।
यह बात किसी और लड़के से मत कहना।
किसी और व्यक्ति की बात मत करो।
किसी और से मुझे कुछ लेना-देना नहीं।
‘और’ का प्रयोग क्रमश:
धीरे-धीरे के अर्थ में-
एक आकृति कुछ साफ़ हुई.... कुछ और....कुछ और
याद करने की कोशिश करो कुछ और....कुछ और
‘और’ का प्रयोग अधिकता के अर्थ
में-
फेल होने का दुख राजेश के दुख को और गहरा कर रहा था।
उसकी बीमारी और बढ़ गई।
कुछ और दाम बढ़े इससे पहले खरीद लो।
अभी और समौसे लाओ इतने से कुछ नहीं होगा।
‘और’ का प्रयोग निकटता के अर्थ
में-
थोड़ा और करीब जाकर पहचानने की चेष्टा करो।
खाई के और नजदीक मत जाओ।
‘और’ का प्रयोग अतिरिक्त या
इसके अलावा के अर्थ में-
राशन दुकान वाला ग्राहक से – बहन जी, और कुछ.....
रेस्तराँ (Restaurant) में
वेटर ने ग्राहक से सर, खाने में और कुछ.......
‘और’ का प्रयोग पदों को जोड़ने
के संदर्भ में-
रामपुर गाँव में सुंदर और शक्तिशाली युवक रहा करता था।
घोड़े और गधे चर रहे हैं।
(यहाँ “और” सुंदर और शक्तिशाली विशेषण पद और को घोड़े और गधे संज्ञा
पद को जोड़ने का काम कर रहा है)
‘और’ का प्रयोग उपवाक्यों को
जोड़ने के संदर्भ में-
अचानक बारिश आई और सभी अपने-अपने घरों की तरफ़ भागने लगे।
राजू ने चाय पी और रोहित ने कॉफी।
Comments
Post a Comment