पैसा बन गया ईमान Paisa Ban Gaya Imaan By Avinash Ranjan Gupta
पैसा बन गया ईमान
पैसा मेरा धर्म बन गया,
पैसा ही ईमान।
पैसे ने ही दिलवाया है,
मुझको मान-सम्मान।
पैसे से ही खरीदी खुशियाँ,
पैसे से इंसान।
पैसे ने दूर कर दिया,
माँ-बाप, संतान।
पैसा मेरा दीन बन गया,
पैसा ही भगवान,
पैसे ने ही भर दिया मुझमें,
अधिक से अधिक अभिमान।
पैसा ही तो सबकुछ है,
ये है आज का ज्ञान,
पैसे से ही बन गया मैं,
काबिल बेटा, शौहर, वालिद और इंसान।
अविनाश रंजन गुप्ता
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