दो शब्दों में ज़िंदगी Do Shabdon me Zindagi A Poem


दो शब्दों में ज़िंदगी

प्रश्नपत्र है ज़िंदगी,
जस की तस स्वीकार्य है
कुछ भी वैकल्पिक नहीं,
सभी प्रश्न अनिवार्य है
जो इस सच्चाई को समझे
वास्तव में वही शिरोधार्य है।



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