तेरे गिरने में, तेरी हार नहीं, tere Girane Me Teri Haar Nahin


तेरे गिरने में, तेरी हार नहीं,
तेरे गिरने में, तेरी हार नहीं,
तू आदमी है, अवतार नहीं।
गिर, उठ, चल, दौड़, फिर भाग,
देख उन लोगों को और फिर से जाग।
जिसने जीता है दुनिया को,
क्या तुझको खुदपर एतबार नहीं।
मिल जाएगी मंजिल तुझे भी,  
क्या तू हौसलों पर सवार नहीं।
क्योंकि
जीत संक्षिप्त है इसका कोई सार नहीं,
इससे बढ़कर कोई उत्तम विचार नहीं।

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