भगवान का दोस्त Bhagwaan Ka Dost


भगवान का दोस्त
     एक बच्चा दोपहर में नंगे पैर फूल बेच रहा था। लोग मोलभाव कर रहे थे एक सज्जन आदमी ने उसके पैर देखें बहुत दुख हुआ वह भाग कर गया पास ही की एक दुकान से जूते लेकर आया और कहा, “बेटा, जूते  पहन लो।” ... लड़के ने फटाफट जूते  पहने बड़ा खुश हुआ और उस आदमी का हाथ पकड़ के पूछने लगा , “क्या आप भगवान हैं?” वह आदमी घबरा कर बोला, “नहीं-नहीं बेटा मैं भगवान नहीं हूँ।” फिर लड़का बोला ज़रूर आप भगवान के दोस्त होंगे... क्योंकि मैंने कल रात ही भगवान से प्रार्थना की थी कि भगवान जी मेरे पैर बहुत जलते हैं, मुझे जूते ले करके दो....वह आदमी आँखों में पानी लिए मुस्कुराता हुआ चला गया पर वो जान गया था कि भगवान का दोस्त बनना ज्यादा मुश्किल नहीं है कुदरत ने दो ही रास्ते बनाए हैं-
1)  देकर जाओ
2) या फिर छोड़ कर जाओ
 साथ लेकर के जाने की कोई व्यवस्था नहीं



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