अंदर की सुनो Andar Ki Suno
अंदर की सुनो
जो बाहर की सुनता है,
वो बिखर जाता है।
जो भीतर की सुनता है,
वो सँवर जाता है।
ज़िन्दगी तस्वीर भी है,
और तकदीर भी।
फर्क रंगों का है।
मनचाहे रंगों से बने तो तस्वीर,
और अनजाने रंगों से बने तो तकदीर।
माना दुनिया बुरी है, सब जगह धोखा
है,
लेकिन हम तो अच्छे बने,
भला, हमें किसने रोका है?
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