Chapter -2 Joojh – Aanad Yadav जूझ आनंद यादव महत्त्वपूर्ण तथ्य Important Facts By Avinash Ranjan Gupta
महत्त्वपूर्ण तथ्य
पाठ ‘ जूझ’ के कुछ स्मरणीय बिंदु –
1.
पाठ ‘ जूझ’ के लेखक आनंद यादव हैं।
2.
‘जूझ’ पाठ के नायक/लेखक की निम्नलिखित
विशेषताएँ हैं-
-
पढ़ने की ललक- लेखक माँ और
दत्ता जी राव देसाई की मदद से पुनः पढ़ाई करता है।
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कठोर परिश्रमी – वह पढ़ाई भी
करता है, खेतों में काम भी और ढोर भी चराता है।
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दूरदर्शी – उसे पता था कि अगर
वह पढ़-लिख लेगा तो सरकारी नौकरी लग जाएगी।
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लगनशील – अपनी लगन के कारण ही वह स्कूल में होशियार बच्चों में गिना
जाने लगता है। गणित में दक्ष हो जाता है। मराठी भाषा का अच्छा ज्ञानार्जन करता है
और कविता भी लिखता है।
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अध्यापकों का चहेता – पाठ में
तीन अध्यापकों का ज़िक्र है। रणनवरे मास्टर, मंत्री सर जो गणित पढ़ाते थे
और न.वा.सौंदलगेकर जो मराठी पढ़ाते थे।
3.
वसंत पाटील नाम का एक लड़का
शरीर से दुबला—पतला, किंतु बड़ा होशियार था। उसके सवाल हमेशा सही निकलते थे। स्वभाव
से शांत। हमेशा पढ़ने में लगा रहता। दूसरों के सवालों की जाँच करता था। मास्टर ने
उसे कक्षा मॉनीटर बना दिया था।
4.
कविता करना सीख जाने के बाद
लेखक को अकेलेपन में भी मज़ा आने लगा, उसे यह भी
लगने लगा कि कवि भी मनुष्य ही होते हैं और जब उसकी कविता को स्कूल के समारोह में
गवाया गया तो उससे सियास लगा मानो उसके पंख निकल आए हों।
5.
लेखक जुझारू योद्धा
है क्योंकि वह विषम परिस्थिति में भी अपने पढ़ने का मार्ग प्रशस्त कर लेता है और
उसकी प्रतिभा और बुद्धिमत्ता तब सिद्ध हो जाती है जब वह पढ़ाई-लिखाई मे कुशल
हो जाता है और कविता भी लिखना शुरू कर देता है।
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