AAROH CLASS – XII CHAPTER -13 DHARMVEER BHARATEE – KAALE MEGHA PAANI DE धर्मवीर भारती काले मेघा पानी दे महत्त्वपूर्ण तथ्य Important Facts By Avinash Ranjan Gupta


महत्त्वपूर्ण तथ्य

पाठ  काले मेघा पानी दे के कुछ स्मरणीय बिंदु 
1.     पाठ  काले मेघा पानी दे’ के लेखक धर्मवीर भारती हैं।
2.     यह प्रस्तुत संस्मरण काले मेघा पानी दे में लोकप्रचलित विश्वास और विज्ञान के द्वंद्व का सुंदर चित्रण है। विज्ञान का अपना तर्क  है और विश्वास का अपना सामर्थ्य।   
3.     इस पाठ का लेखक तर्कशील और जागरूक था। वह आर्यसमाजी संस्कारों के कारण अंधविश्वासों का कट्टर विरोधी है। वह कुमार-सुधार सभा का उपमंत्री भी है, परंतु वह भी जीजी के तर्क, आस्था, स्नेह के सामने नतमस्तक हो जाता है।   
4.     लेखक को वर्तमान समाज के आचरण पर आपत्ति है क्योंकि सभी दूसरे के काले कारनामे और पोल खोलने में लगे हुए हैं जिस वजह से समाज में समृद्धि नहीं आ पा रही है।    
5.     जीजी मनुष्य का आचरण समाज के अनुकूल बनाना चाहती हैं। मनुष्य अगर त्यागपूर्ण दान करें तो उसका सुफल अवश्य प्राप्त होता है। मनुष्य के आचरण से ही समाज का आचरण बनता है।  वह यथा प्रजा तथा राजा की सूक्ति पर विश्वास रखती हैं।     
6.     उन लोगों के दो नाम थे -  मेढकमंडली या इंदर सेना । बिलकुल  एकदूसरे के विपरीत। जो लोग उनके नग्नस्वरूप शरीर,  उनकी उछलकूदउनके शोरशराबे और उनके कारण गली में  होनेवाले कीचड़-कादो से चिढ़ते थेवे उन्हें कहते थे मेढकमंडली। और एक दूसरा वर्ग जो उनके इस कृत्य पर विश्वास रखते थे वे उन्हें  इंदर सेना की संज्ञा देते थे।
7.     अगर इंदर सेना पानी का दान लेने के बजाय गाँव - गाँव में कुएँ और तालाब खुदवाए तथा वर्षा के पानी को संरक्षित करने के आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करें तो उन्हें वास्तव में इंदर सेना की उपाधि प्राप्त हो जाएगी।   
8.     वर्तमान समाज के सभी लोग स्वार्थी होते जा रहे हैं। सभी लोग केवल अपना घर भरना चाहते हैं। अपने अधिकारों और सुविधाओं के प्रति तो सभी सचेत हैं पर अपने कर्त्तव्यों के मामले में उदासीन हैं।    



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