तताँरा-वामीरो कथा TANTAARA-VAMEERO KATHA 5 MARKS QUESTIONS ANSWERS
5 Marks Questions
1. निकोबार द्वीप समूह के विभक्त होने के बारे में निकोबारियों का क्या विश्वास था ?
2. रूढ़ियाँ जब
बंधन बन
बोझ बनाने
लगें तब
उनका टूट
जाना ही
अच्छा है।
क्यों? स्पष्ट
कीजिए।
3. तताँरा की चारित्रिक विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
5 Marks Answers
1. निकोबार द्वीप समूह के विभक्त होने के बारे में निकोबारियों का यह विश्वास था पूर्व में पासा गाँव में तताँरा नामक व्यक्ति रहता था। वह बहुत नेक और मददगार व्यक्ति था। सारे द्वीपवासी उसका आदर करते थे। वह सदैव अपनी कमर में लकड़ी की तलवार बाँधे रहता था। उसे लपाती गाँव की लड़की वामीरो से प्रेम हो गया। परंतु उनके गाँव की यह परंपरा थी कि एक गाँव का लड़का दूसरे गाँव की लड़की से विवाह नहीं कर सकता था। पशु पर्व आयोजन के समय वामीरो की माँ ने तताँरा का बहुत अपमान किया। क्रोध में आकर तताँरा ने अपनी तलवार धरती में घोंप दी और खींचने लगा। जिससे धरती दो भागों में बँट गई और दोनों द्वीप समूह विभक्त हो गए।
2. मानवजाति
के विकास और अनुशासन के लिए बनाए गए कुछ नियम परम्परा अथवा रूढ़ियों का रूप ले लेते
हैं। इन रूढ़ियों में लोकहित अन्तर्निहित होता है। परंतु कभी-कभी
यही रूढ़ियाँ लोकहित की अवहेलना करने लगती हैं, उनके विकास में बाधा बनाने
लगती हैं, और
मानवजाति के हितों के मार्ग को अवरुद्ध करने लगती हैं। तब इन रूढ़ियों को तोड़ देना
ही उचित होता है क्योंकि रूढ़ियों का अस्तित्व मानवोत्थान के लिए है मानव-बलि
लेने के लिए नहीं।
3.
लीलाधर मंडलोई रचित ‘तताँरा वामीरो कथा’ के नायक तताँरा की निम्नलिखित विशेषताएँ दृष्टिगोचर होती हैं-
Ø
रूपवान- तताँरा शरीर से सुंदर, बलिष्ठ और आकर्षक था। लोग उसकी ओर आकर्षित होते थे। वामीरो भी उस पर मुग्ध हो गई थी।
Ø
उदार हृदय- तताँरा बहुत नेक और मददगार व्यक्ति था। वह सदैव दूसरों की मदद करता था। उसके इसी गुण के कारण सभी उस का सम्मान करते थे।
Ø
दैवीय शक्ति संपन्न- तताँरा के पास एक लकड़ी की अद्भुत तलवार थी। लोगों का मानना था कि उसमें दैवीय शक्ति थी।
Ø
निश्छल प्रेमी- तताँरा एक निश्छल प्रेमी था। वामीरो के मधुर सुर पर रीझकर वह उसे प्राणों से भी अधिक चाहने लगा। यहाँ तक कि प्रेम के लिए उसने आत्मबलिदान तक दे दिया।
Ø
इस प्रकार तताँरा एक उद्दात नायक के सभी गुणों से संपन्न था।
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