RAVEENDRANAATH THAKUR - AATMTRAN रवींद्रनाथ ठाकुर — आत्मत्राण CLASS X HINDI B 5 MARKS QUESTIONS ANSWERS


5 Marks Questions

1.    क्या कवि की प्रार्थना आपको अन्य प्रार्थना गीतों से अलग लगती है? यदि हाँ, तो कैसे?   
2.    कवि किससे और क्या प्रार्थना कर रहा है?
3.    आत्मत्राणकविता का प्रतिपाद्य लिखिए


5 Marks Answers
1.   हाँ, हमें कवि की यह प्रार्थना अन्य प्रार्थनाओं से अलग लगती है क्योंकि अन्य प्रार्थना गीतों में हम स्वयं को ईश्वर के प्रति पूरी तरह समर्पित कर दास भावना से ओत-प्रोत हो जाते हैं जिससे हमारा अपना अस्तित्व नगण्य हो जता है। जबकि यह प्रार्थना हमें निर्भय और संघर्षशील बनाती है। यह प्रार्थना हममें आत्मविश्वास का संचार कर हमारे आत्मबल में अभिवृद्धि करती है। इसके यही भाव इसे दूसरे प्रार्थना गीतों से अलग करता है।
2.   कवि ईश्वर से यह प्रार्थना कर रहा है कि वह यह नहीं चाहता कि ईश्वर प्रतिदिन की विपदाओं से बचाए तथा उसके व्यथित ह्रदय को सांत्वना प्रदान करे वरन वह यह प्रार्थना करता है कि वह निडरता से दुखों का सामना करने में सक्षम हो, रोगमुक्त रहे जिससे वह दुखों पर विजय प्राप्त कर सके। दुखों के बाद भी उसका ईश्वर पर विश्वास बना रहे। 
3.   आत्मत्राण’ कविता प्रसिद्ध कवि रवींद्रनाथ ठाकुर द्वारा बांग्ला भाषा में रचित कविता है। इसमें कवि प्रभु की शक्ति का विश्वास रखते हुए भी उससे अपने कष्टों के निवारण की प्रार्थना नहीं करता वरन् वह उन विपदाओं का सामना करने की शक्ति माँगता है। वह कहता है कि उसे दुख में सांत्वना की आवश्यकता नहीं है और न ही किसी सहायक की आकांक्षा है और न ही अपने दुखों के भार को ही कम कराने की प्रार्थना है। वह मात्र इतना चाहता है कि ईश्वर उसे दुखों पर विजय पाने का आत्मबल प्रदान करे तथा उसे रोगमुक्त रखे। सुख के दिनों में हर क्षण ईश्वर का स्मरण रहे। यदि संपूर्ण जगत से धोखा ओर दुख मिले तो भी उसे ईश्वर की करुणा पर संदेह न हो और वह यह विश्वास करता रहे कि ईश्वर का हर विधान मंगलमय है ।

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