MEERA KE PAD मीरा के पद CLASS X B 5 MARKS QUESTION ANSWERS


5 Marks Questions

1.   मीराबाई कृष्ण को पाने के लिए क्या-क्या करने को तैयार हैं? 
2.   मीराबाई की भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए।
3.   मीरा के पदों का प्रतिपाद्य लिखिए


5 Marks Answers
1.   श्रीकृष्ण को पाने के लिए मीरा निम्नलिखित कार्य करने को तैयार हैं-
ü श्रीकृष्ण की चाकरी करने को तैयार हैं।
ü वृन्दावन की कुंजगलियों में कृष्ण-लीला गाने को तैयार हैं।
ü श्रीकृष्ण के लिए बाग़ लगाने को तैयार हैं।
ü कृष्ण के लिए ऊँचे-ऊँचे महल बनाने को तैयार हैं।
ü श्रीकृष्ण के लिए कुसुम्बी साड़ी पहनने के लिए तैयार हैं।
ü वह कृष्ण से मिलाने के लिए आधी रात को यमुना तट पर जाने को तैयार हैं।

2.   मीरा बाई का जन्म राजस्थान में हुआ परंतु उनका अधिकाँश जीवन वृन्दावन में बीता। इसीलिए उनकी भाषा राजस्थानी मिश्रित ब्रजभाषा है। ब्रज की सुकोमलता और राजस्थान की अनुनासिकता उनकी भाषा- माधुर्य में बढ़ोत्तरी करती है। उनकी भाषा सरस एवं सुबोध है। वे कृष्ण भक्ति में डूबकर पदों की रचना करती थी। इसीलिए उनके पद मुक्तक रूप में हैं। भावपूर्ण और भक्तिभावना की अधिकता के कारण उनके पद माधुर्य गुण से परिपूर्ण हैं ही उनमें संगीतात्मकता होने के कारण वे गेय हैं। उनमें करुणता की प्रधानता है। 
3.   पारिवारिक  संतापों  से  त्रस्त  मीरा  ने  कृष्णमय  होकर  अपने  आराध्य  के  लिए  अनेक  पदों  की  रचना  की।  उनके  पदों  से  संकलित  पहले  पद  में  मीरा  स्वयं  को  कृष्ण  की  दासी  बताते  हुए  कृष्ण  से  जन-जन  की  पीड़ा  हरने  की  विनती  करती  है।  वे  द्रौपदी,  भक्त  प्रहलाद,  गजराज  आदि  के  उदाहरण  देकर  कृष्ण  को  उनके  जन-जन  की  पीड़ा  हरने  के  कर्त्तव्य  का  स्मरण  कराते  हुए  स्वयं  को  उनकी  कृपा  की  अधिकारिणी  बताती  हैं।
दूसरे  पद  में  मीरा  कृष्ण  की  चाकरी  करने  की  इच्छा  प्रकट  करती  हैं।  वह  कहती  हैं  कि  वे  कृष्ण  के  लिए  बाग  लगाकर  और  ऊँचे  महल  बनाकर  कृष्ण  को  वहाँ  रखेंगी  और  वृंदावन  की  कुंज  गलियों  में  उनकी  लीलाओं  का  गान  करेंगी।  वे  कृष्ण  की  वेशभूषा  के  विषय  में  बताते  हुए  कहती  हैं  कि  कृष्ण  पीताम्बरधारी  हैं  जिनके  सिर  पर  मोरमुकुट  है  और  वे  गले  में  वैजन्ती  माला  धारण  करते  हैं  और  वृंदावन  में  मुरली  बजाते  हुए  गाएँ  चराते  हैं।  मीरा  कृष्ण  को  यमुना  तट  पर  आधी  रात  को  मिलने  आने  को  कहती  हैं  क्योंकि  वे  कृष्ण  से  मिलने  को  व्याकुल  हैं  और  उन्हीं  को  अपना  सर्वस्व  मानती  हैं।

Comments