Feature Ki Mukhya Baaten
फीचर
संबंधी मुख्य बातें
फीचर
को सजीव बनाने के लिए उसमें उस विषय से जुड़े लोगों की मौजूदगी जरूरी है
फीचर
के कथ्य को पात्रों के माध्यम से बतलाना चाहिए।
कहानी
को बताने का अंदाज ऐसा हो कि पाठक यह महसूस करे कि वे खुद देख और सुन रहे हैं।
फीचर
मनोरंजक व सूचनात्मक होना चाहिए।
फीचर
शोध रिपोर्ट नहीं है।
इसे
किसी बैठक या सभा के कार्यवाही विवरण की तरह नहीं लिखा जाना चाहिए।
फीचर
का कोई-न-कोई उद्देश्य होना चाहिए। उस उद्देश्य के इर्द-गिर्द ही सभी प्रासंगिक
सूचनाएँ तथ्य और विचार गुंथे होने चाहिए।
फीचर
तथ्यों,
सूचनाओं
और विचारों पर आधारित कथात्मक विवरण और विश्लेषण होता है।
फीचर
लेखन का कोई निश्चित ढाँचा या फार्मूला नहीं होता। इसे कहीं से भी अर्थात् प्रारंभ,
मध्य
या अंत से शुरू किया जा सकता है।
फीचर
का हर पैराग्राफ अपने पहले के पैराग्राफ से सहज तरीके से जुड़ा होना चाहिए तथा
उनमें प्रारंभ से अंत तक प्रवाह व गति रहनी
चाहिए।
पैराग्राफ
छोटे होने चाहिए तथा एक पैराग्राफ में एक
पहलू पर ही फोकस करना चाहिए।
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