Bacchon Me protsahan Par Feature
बच्चों
को प्रोत्साहन; विषय पर
एक फीचर लिखिए।
हर
कोई गलतियों से सबक लेता है, जब गलती ही अच्छे कार्य के
लिए प्रेरित करती है तो बच्चों को भी गलती करने पर दोबारा अच्छे कार्य के लिए
प्रेरित किया जाना चाहिए। अच्छा काम करने पर बच्चों को एप्रिशिऐट करना जरूरी है,
जब
हम बच्चों को प्रोत्साहित करेंगे, तो वे आगे भी बेहतर करने
को उत्सुक होंगे। लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल के चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. तनुज के
मुताबिक आम तौर पर दो वर्ष के बच्चे का 90 प्रतिशत
दिमाग सीखने समझने के लिए तैयार हो जाता है और पाँच वर्ष तक वह पूर्ण रूप से सीखने,
बोलने
लायक हो जाता है। यही वह उम्र होती है, जब
बच्चा तेजी से सीखता है। ऐसे में माहौल भी इस तरह का हो कि बच्चा अच्छा सीखे। गलती
करने पर यदि प्यार से समझाया जाए तो वह उसे समझेगा। उसे गलत करने पर टोकना जरूरी
हो जाता है। वरना वह गलती को दोहराता रहेगा। बच्चों को बेहतर करने के लिए
प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। डॉ. तनुज कहते हैं कि बच्चों को यह नहीं पता होता है
कि वे जो कर रहे हैं, वह सही या गलत। उसे बताया
जाए कि जो उसने किया है, वह गलत है,
क्योंकि
जब तक बच्चों को बताया नहीं जाएगा, उन्हें
गलती के बारे में पता नहीं चलेगा। यदि एक बार उसकी गलती के बाबत उसे बताते हैं तो
वह दोबारा नहीं करेगा। दूसरे बच्चों के सामने व्यवहार वैसा ही हो,
जैसा
हम खुद के लिए अपेक्षा करते हैं। बच्चों को प्यार दुलार की ज्यादा जरूरत होती है।
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