ANTON CHEKHAV - GIRGIT अंतोन चेखव — गिरगिट CLASS X HINDI B 5 MARKS QUESTIONS ANSWERS


5 Marks Questions

1.    गिरगिट’ कहानी के शीर्षक की सार्थकता को स्पष्ट कीजिए।
2.    गिरगिटकहानी के माध्यम से समाज में व्याप्त किन विसंगतियों पर व्यंग्य किया गया है?
3.    गिरगिटकहानी के आलोक में ओचुमेलॉव की चारित्रिक विशेषताएँ बताइए


5 Marks Answers
1.   गिरगिट’ कहानी का शीर्षक सर्वथा उपयुक्त है।गिरगिट’ एक ऐसा प्राणी है जो परिस्थिति के अनुसार अपना रंग परिवर्तित कर लेता है। उसी प्रकार कथानायक ओचुमेलॉव क्षण-क्षण अपने विचार और व्यवहार परिवर्तित कर लेता है। वह क्षण भर में ही ख्यूक्रिन को दोषी ठहराता है और अगले ही क्षण कुत्ते को दोषी ठहराने लगता है। कभी कुत्ते को आवारा कहता है और कभी सुंदर डॉगी। कभी उसे गर्मी लगती है कभी सर्दी। इस प्रकार वह परिस्थिति और स्वार्थ के अनुसार रंग बदल लेता है ।
2.   गिरगिटकहानी के माध्यम से समाज में व्याप्त अवसरवादिता, चापलूसी, स्वार्थपरता, और भाई- भतीजावाद पर व्यंग्य किया है। इसके अतिरिक्त रिश्वतखोरी पर भी कटाक्ष किया गया है।समरथ को न दोष गुसांईकी कहावत को चरितार्थ करते कथा के पात्र समाज में व्याप्त गरीबों और लाचारों के दमन पर कटाक्ष करते हैं। कहानी-‘गिरगिटअधिकारियों द्वारा अपनी हित-साधना पर सटीक व्यंग्य प्रस्तुत करती है ।    
3.   गिरगिट  कहानी  के  आधार  पर  ओचुमेलॉव  के  चरित्र  में  निम्नलिखित  विशेषताएँ  दृष्टिगोचर  होती  हैं-
अवसरवादी-  ओचुमेलॉव  एक  अवसरवादी  व्यक्ति  था।  वह  अवसर  के  अनुसार  अपना  व्यवहार  बदल  लेता  था।  कभी  वह  कुत्ते  को  आवारा  बताते  हुए  मरवाने  की  बात  करता  है  तो  कभी  यह  ज्ञात  होने  पर  कि  वह  जनरल  साहब  का  कुत्ता  है  वह  उसे  सुंदर  डॉगी  कहने  लगता  है।
चापलूस-  ओचुमेलॉव  चापलूस  किस्म  का  व्यक्ति  है।  वह  अपने  अधिकारी  को  प्रभावित  करने  के  लिए  कुत्ते  को  वापिस  भेजते  समय  इस  बात  पर  विशेष  बल  देता  है  कि  कुत्ते  को  जनरल  साहब  तक  उसने  पहुँचवाया  है।
स्वार्थी-  ओचुमेलॉव  हद  दर्जे  का  स्वार्थी  व्यक्ति  था।  उसका  मतलब  सिद्ध  होना  चाहिए-  चाहे  कुत्ता  मरे  या  ख्यूक्रिन  उसे  कोई  फ़र्क  नहीं  पड़ता।
इस  प्रकार  हम  देखते  हैं  कि  वह  अवसरवादी,  चापलूस,  स्वार्थी  और  अस्थिर  प्रकृति  का  व्यक्ति  था।

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