Aatankwaad Ki Samsya Par Feature
आतंकवाद
की समस्या या आतंकवाद का धिनौना चेहरा
; विषय पर फीचर लिखिए।
सुबह
अखबार खोलिए-कश्मीर में चार मरे, मुंबई में बम फटा,
दो
मरे,
ट्रेन
में विस्फोट। इन खबरों से भारत का आदमी सुबह-सुबह साक्षात्कार करता है। उसे लगता
है कि देश में कहीं शांति नहीं है। न चाहते हुए भी व आतंक के फोबिया से ग्रस्त हो
जाता है। आतंकवाद एक विश्वव्यापी समस्या बन गया है। यह क्रूरतापूर्ण नरसंहार का एक
रूप है। यह , 20 वीं सदी की देन है। आतंकवाद के उदय के अनेक
कारण हैं। कहीं यह एक वर्ग द्वारा दूसरे वर्ग के शोषण का परिणाम है तो कहीं यह
विदेशी राष्ट्रों की करतूत है। कुछ विकसित देश धर्म के नाम पर अविकसित देशों में
लड़ाई करवाते हैं। आतंकवाद की जड़ में अशिक्षा, बेरोजगारी,
पिछड़ापन
है। सरकार का ध्यान ऐसे क्षेत्रों की तरफ तभी जाता है जब वहाँ हिंसक घटनाएँ शुरू
हो जाती हैं। देश के कुछ राजनीतिक दल भी अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए आतंक के नाम
पर दंगे करवाते रहते हैं। इस समस्या को सामूहिक प्रयासों से ही समाप्त किया जा
सकता है। आतंकवादी भय का माहौल पैदा करके अपने उद्देश्यों में सफल होते हैं। जनता
को चाहिए कि वह ऐसे तत्वों का डटकर मुकाबला करें। आतंक से संबंधित व्यक्तियों के
खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। सरकार के भी ऐसे क्षेत्रों में विकास
योजनाएँ शुरू करनी चाहिए ताकि इन क्षेत्रों के युवक गरीबी के कारण गलत हाथों का
खिलौना न बने।
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