Meri Rashake Pari By Avinash Ranjan Gupta


मेरी रश्केपरी   
मेरी रश्केपरी, तेरी जादूगरी
आँखों से मेरे दिल तक उतरने लगी।
तेरा साया सदा साथ हो मेरे अब,   
साँसें धड़कन से हर पल ये कहने लगी।    
मेरी रश्केपरी, तेरी जादूगरी
आँखों से मेरे दिल तक उतरने लगी।
तंग करने लगी रूह इस देह को,
देखा तुझको तो फिर से ये खिलने लगी।     
मेरी रश्केपरी, तेरी जादूगरी
आँखों से मेरे दिल तक उतरने लगी।
उलझा रहता था मैं उलझनों में सदा,
उलफत-ए-यारा अब तो सुलझने लगी।  
मेरी रश्केपरी, तेरी जादूगरी
आँखों से मेरे दिल तक उतरने लगी।      
मेरे नग्मों में तुम, मेरे नज़मों तुम,
है असर इस कदर मजमों का मुझपर,
हर दिन मुझको जुम्मे-सी लगने लगी।
मेरी रश्केपरी, तेरी जादूगरी
आँखों से मेरे दिल तक उतरने लगी।
रू-ब-रू आई तू, ऐसे शरमाई तू,   
मुझको तुझमें खुदाई-सी दिखने लगी।
मेरी रश्केपरी, तेरी जादूगरी
आँखों से मेरे दिल तक उतरने लगी।
                                                        अविनाश रंजन गुप्ता

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