Hum Fir Se Sanwar Gae By Avinash Ranjan Gupta


हम फिर से सँवर गए  
लम्हे गुज़र गए,
यादें बिखर गईं,
देखा जो तूने दिल से,
हम फिर से सँवर गए।
फ़ुरकत का तेरे मुझपर ,
होता था ये असर,
खुशियाँ तो गुम-सी हो गईं,  
पर गम थे निखर गए।
लम्हे गुज़र गए,
यादें बिखर गईं,
देखा जो तूने दिल से,
हम फिर से सँवर गए।
तुम आज फिर से मेरे ,
दिल में उतर गए,  
अपने ही वादे से हम
फिर से मुकर गए। 
लम्हे गुज़र गए,
यादें बिखर गईं,
देखा जो तूने दिल से,
हम फिर से सँवर गए।
साँसें मिली हैं फिर से,
धड़कन मिली है दिल को,
मर जाएँगे हम फिर से,
जो तुम अगर गए।
लम्हे गुज़र गए,
यादें बिखर गईं,
देखा जो तूने दिल से,
हम फिर से सँवर गए।
अविनाश रंजन गुप्ता

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