Shabdarth
पर्वत देश में पावस
सुमित्रानंदन पंत
शब्दार्थ
1. पावस- वर्षा
2. ऋतु- मौसम
3. पर्वत- पहाड़
4. प्रांत – राज्य
5. पल-पल- क्षण-क्षण
6. परिवर्तित- बदला हुआ
7. प्रकृति- कुदरत
8. वेश- रूप
9. मेखलाकार- करघनी के आकार का
10. आकार- गढ़न या बनावट
11. आपार- विशाल
12. सहस्र- हज़ार
13. दृग- नेत्र, नयन
14. सुमन- फूल
15. अवलोक- देख
16. बार-बार- लगातार
17. जल- पानी
18. निज- अपना
19. महाकार- विशाल रूप
20. चरण- पद
21. पला-पोषित
22. ताल- तालाब
23. दर्पण- आईना
24. गिरि- पर्वत
25. गौरव- बड़प्पन
26. मद- मस्ती
27. उत्तेजित- तीव्रता
28. निर्झर- झरना
29. उर- हृदय
30. उच्चाकांक्षाओं- ऊँची इच्छाएँ
31. तरुवर- पेड़ों का समूह
32. नीरव- शांत
33. नभ- आकाश
34. अनिमेष- बिना पलक झपकाए
35. अटल- दृढ़
36. अचानक- एकाएक
37. भूधर- पहाड़
38. पारद- एक प्रकार का सफ़ेद धातु
39. पर- पंख
40. रव- ध्वनि
41. भू- पृथ्वी
42. अंबर- आकाश
43. धरा- पृथ्वी
44. सभय- भय के साथ
45. शाल- एक प्रकार का पेड़
46. यों- इस तरह
47. जलद- मेघ
48. यान- परिवहन का माध्यम
49. विचर-विचर- घूम-घूम
इंद्रजाल- जादूगरी
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