Prashn 4
लिखित
(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
1 - आज तो जो कुछ हुआ वह अपूर्व हुआ है। बंगाल के नाम या कलकत्ता के नाम पर कलंक था कि यहाँ काम नहीं हो रहा है वह आज बहुत अंश में धुल गया।
2 - खुला चैलेंज देकर ऐसी सभा पहले नहीं की गई थी।
1. इस कथन का आशय यह है कि पूरे भारत में यह माना जाता था कि स्वतंत्रता संग्राम में कलकत्ता हमेशा से उदासीन रहा है परंतु आज़ादी की पहली वर्षगाँठ मनाने के लिए कलकत्तावासियों में भरपूर उत्साह था। दूसरी तरफ़ प्रशासन ने इन जुलूस और जन-सभाओं का दमन करने के लिए इन गतिविधियों को गैर-कानूनी घोषित कर दिया था। इतनी अटकलें लगने के बावजूद हज़ारों की संख्या में स्त्री-पुरुषों ने इसमें भाग लिया था। लोगों का जोश कलकत्ता के इतिहास में इतने प्रचंड रूप में पहले कभी नहीं देखा गया था। इस विशाल आंदोलन के बाद भारतवासियों की सोच कलकत्ता के प्रति बदल गई।
2. इस कथन का आशय यह है कि पुलिस ने नोटिस निकाला था कि सभा तथा जुलूस नहीं निकाले जा सकते। लेकिन सुभाष बाबू की अध्यक्षता में कौंसिल ने नोटिस निकाला था कि मोनुंनेट के नीचे झंडा फहराया जाएगा और स्वतंत्रता की प्रतिज्ञा पढ़ी जाएगी। सर्वसाधारण को इसमें भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था। इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए खूब प्रचार किया गया था। एक तरह से यह आंदोलन सरकार और कलकत्तावासियों के बीच खुली लड़ाई थी।
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