Prashn 3

लिखित
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
1. निकोबार द्वीपसमूह के विभक्त होने के बारे में निकोबारियों का क्या विश्वास है?
2. तताँरा खूब परिश्रम करने के बाद कहाँ गयावहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
3. वामीरो से मिलने के बाद तताँरा के जीवन में क्या परिवर्तन आया?
4. प्राचीन काल में मनोरंजन और शक्तिप्रदर्शन के लिए किस प्रकार के आयोजन किए जाते थे?
5. रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें तब उनका टूट जाना ही अच्छा है। क्योंस्पष्ट कीजिए।

1.    निकोबार द्वीपसमूह के विभक्त होने के बारे में निकोबारियों का दृढ़ विश्वास है है कि तताँरा की रहस्यमयी तलवार ने उस द्वीप के दो खंड कर दिए अन्यथा वह एक द्वीप ही था। तताँरा ने गुस्से में अपनी  तलवार धरती में गाड़ी और भागता गया जिससे धरती दो भागों में विभक्त हो गई। 
2.    तताँरा दिनभर मेहनत करने के बाद समुद्र के तट पर टहलने गया। दूर सूरज डूबता हुआ ऐसा लग रहा था मानो वह समुद्र की गोद में सोने जा रहा हो। समुद्र के खारे जल पर सूरज अपनी रंग-बिरंगी किरणें बिखेर रही थी। पक्षियों के गाने की आवाज़ धीमी होती जा रही थी। ठंडी-ठंडी हवा चल रही थी। समुद्र की लहरों का शोर भी बीच-बीच में उठता और गिरता था।          
3.    वामीरो से मिलने के बाद तताँरा पूरी रात बेचैन रहा। उसका हृदय वामीरो से मिलने के लिए व्याकुल था। पूरा दिन उसे बहुत ही उबाऊ लगा। उसे तो शाम की प्रतीक्षा थी। उसके जीवन का यह पहला अवसर था जब वह किसी से मिलने को इतना व्याकुल था। वह चाहता था कि जल्दी से वामीरो से मिलने का समय आ जाए। तताँरा का वामीरों के प्रति प्रेम बढ़ता ही गया जिस पर गाँव का नियम भी अंकुश न लगा पाया।
4.    प्राचीन काल में पशु मेले तथा अन्य मेलों का आयोजन किया जाता था। पशु मेले में पशुओं का प्रदर्शन तो होता ही था  इसके साथ ही युवकों के दंगल तथा शक्ति प्रदर्शन की भी प्रतियोगिताएँ हुआ करती थीं। गाँव के शक्तिशाली विजेता युवक का सम्मान भी किया जाता था। इन मेलों के बाद के भोजनसंगीत और नृत्य का भी आयोजन होता था। सब गाँव वालो इन मेलों में भाग लेते थे। ।
5.    रूढ़ियाँ और बंधन एक सीमा तक समाज को मर्यादा में रखने के लिए होते हैं। यदि इन्हीं मर्यादाओं के कारण मानव भावनाएँ आहत होने लगे तो उन मर्यादाओं की सीमा पर पुनः विचार की आवश्यकता होती है। तताँरा और वामीरों दोनों अलग-अलग गाँव के थे। तताँरा बहुत ही नेकईमानदार और सबकी मदद करने वाला शक्तिशाली युवक था। सारा गाँव उसका आदर करता था। लेकिन जब उसी तताँरा को  दूसरे गाँव की लड़की से प्रेम हो गया तो सब उसका विरोध करने लगे। गाँव वालों की ज़िद के कारण ही तताँरा और वामीरों को अपने प्राण गँवाने पड़े। इस प्रकार रूढ़ियाँ जो समाज का कुछ भला नहीं कर रही अपितु नुकसान कर रही हैं तो उन रूढ़ियों का टूट जाना ही समाज के लिए बेहतर है।       

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