Dayari Ka Ek Panna Paath Ke Kuchh Smaraneey Bindu By Avinash Ranjan Gupta
महत्त्वपूर्ण तथ्य
पाठ ‘डायरी का एक पन्ना’ के कुछ स्मरणीय बिंदु -
1.
पाठ ‘ डायरी का एक पन्ना’ के लेखक सीताराम सेकसरिया हैं।
2.
26 जनवरी 1930 के ही दिन सारे
हिंदुस्तान में स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था और 26 जनवरी 1931 के दिन कलकत्ता में उसकी पुनरावृत्ति के दिन
जो-जो घटनाएँ घटीं उसी का वर्णन ही ‘डायरी का एक पन्ना’ पाठ में दर्ज़ है।
3.
इस अभियान के प्रचार में दो हज़ार रुपया खर्च किया गया
था।
4.
पुलिस कमिश्नर को इस सभा के बारे में पता चला तो उसने
इस सभा को गैर-कानूनी करार दिया और यह भी कहा कि सभा में भाग लेने वाले को दोषी माना
जाएगा।
5.
कौंसिल की तरफ़ से नोटिस निकल गया था कि मोनुमेंट के
नीचे ठीक चार बजकर चौबीस मिनट पर झंडा फहराया जाएगा तथा स्वतंत्रता की प्रतिज्ञा
पढ़ी जाएगी।
6.
सुभाष बाबू, स्त्री समाज की जानकीदेवी, मदालसा सभी को अपने-अपने दल के साथ मोनुमेंट के नीचे पहुँचकर
ठीक चार बजकर चौबीस मिनट पर झंडा फहराने और स्वतंत्रता की प्रतिज्ञा पढ़नी थी।
7.
स्त्रियों के एक दल का नेतृत्व विमल प्रतिभा कर रही
थीं।
8.
पुलिस के लाठीचार्ज से क्षितीश चटर्जी का सिर फट गया
था।
9.
सुभाष बाबू, अन्य व्यक्ति, मदालसा तथा 105 स्त्रियाँ पकड़ी गई थीं जिन्हें लालबाज़ार लॉकअप में भेज दिया गया।
10.
बंगाल के नाम पर कलंक था कि यहाँ काम नहीं हो रहा है
वह इस आंदोलन के बाद बहुत अंश में धुल गया।
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